वॉशिंगटन : भारत में गैर- जरूरतमंद लोगों को मिल रही खाद्य एवं उर्वरक सब्सिडी में कमी करने और राजस्व प्राप्ति बढ़ाने की काफी गुंजाइश है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह बात कही.
आईएमएफ के राजकोषीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो माउरो ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, "जब चुनावी मौसम में राजनीतिक दलों द्वारा लोक लुभावन घोषणायें की जाती है तो मिलने वाले लाभों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है जबकि उस पर आने वाली लागत और उससे जुड़ी चीजों को भी देखा जाना चाहिए."
उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से भारत के मामले में पता चलता है कि यहां गैर-जरूरतमंदों को मिलने वाली खाद्य एवं उर्वरक सब्सिडी में कमी की भी काफी गुंजाइश है. इसके साथ ही जीएसटी समेत राजस्व वसूली बढ़ने की भी काफी गुंजाइश है. जीएसटी एक परिवर्तनकारी सकारात्मक सुधार है लेकिन इसके बावजूद बेहतर कर अनुपालन पर जोर रहेगा."
आईएमएफ अधिकारी ने कहा कि भारत की प्राथमिकता धीरे-धीरे राजकोषीय मजबूती की ओर बढ़ना है. उन्होंने कहा, "भारत की आर्थिक वृद्धि तेज है. भारत की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत से अधिक की रफ्तार से बढ़ रही है. यहां यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वृद्धि समावेशी हो और यह गरीबी को कम करने में मदद करे."
ये भी पढ़ें : भारत को सरकारी बैंकों में पूंजीकरण के स्तर को मजबूत करने की जरूरत: आईएमएफ