नई दिल्ली: भारत के पास लैपटॉप और टैबलेट की विनिर्माण क्षमता 2025 तक 100 अरब डॉलर पर पहुंचाने की क्षमता है, लेकिन इसके लिए नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत होगी. मोबाइल उपकरण उद्योग के निकाय इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है.
आईसीईए का कहना है कि लैपटॉप और टैबलेट पीसी के विनिर्माण के स्तर को बढ़ाकर भारत वैश्विक बाजार में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, जो अभी मात्र एक प्रतिशत है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा इससे पांच लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. वहीं इससे 2025 तक कुल मिलाकर 75 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा तथा एक अरब डॉलर से अधिक का निवेश प्राप्त होगा. आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि देश का इलेक्ट्रॉनिक बाजार 65 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. इसमें मोबाइल फोन का बड़ा हिस्सा है.
उन्होंने कहा, "लैपटॉप और टैबलेट के मामले में हम अब भी आयात पर निर्भर हैं. इसका 87 प्रतिशत आयात चीन से होता है. भारत में लैपटॉप का बाजार बहुत बड़ा नहीं है. टैबलेट का बाजार भी अभी काफी छोटा है. मोबाइल फोन के बाद ये सबसे बड़े आईटी उत्पाद हैं."