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भारत नियम आधारित, पारदर्शी व्यापार प्रणाली का समर्थक: स्वराज - शंघाई सहयोग संगठन

स्वराज ने यहां किर्गिजस्तान की राजधानी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अस्थिर वैश्विक परिदृश्य के बावजूद एससीओ सदस्य देश राजनीति, सुरक्षा और विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय रूप से लाभकारी सहयोग बढ़ा रहे हैं.

भारत नियम आधारित, पारदर्शी व्यापार प्रणाली का समर्थक: स्वराज

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Published : May 22, 2019, 6:03 PM IST

बिश्केक:विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि भारत नियम आधारित, पारदर्शी, खुली तथा समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का हिमायती है और एकतरफा व्यापारिक कार्रवाइयों तथा संरक्षणवाद के पूरी तरह खिलाफ है. चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध से वैश्विक वृद्धि में गिरावट के जोखिम के बीच उन्होंने यह बात कही.

स्वराज ने यहां किर्गिजस्तान की राजधानी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अस्थिर वैश्विक परिदृश्य के बावजूद एससीओ सदस्य देश राजनीति, सुरक्षा और विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय रूप से लाभकारी सहयोग बढ़ा रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि भारत एससीओ सदस्य देशों की आर्थिक गतिविधियों के लिये अनुकूल माहौल को लेकर काम करने को निरंतर प्रतिबद्ध है. विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत आर्थिक तथा व्यापार सहयोग से संबंधित एससीओ दस्तावेज पर कार्य में तेजी लाएगा.

स्वराज ने कहा, "भारत विश्व व्यापार संगठन के इर्द-गिर्द नियम आधारित, पारदर्शी, खुली तथा समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का हिमायती है और एकतरफा तथा संरक्षणवाद के पूरी तरह खिलाफ है."

अमेरिका और चीन के बीच हाल में व्यापार तनाव बढ़ा है. इससे वैश्विक वृद्धि में गिरावट का जोखिम बढ़ा है.

दोनों देशों के समझौते पर पहुंचने में विफल रहने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरूआत में 200 अरब मूल्य के चीनी वस्तुओं के आयात पर शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया है.

वहीं चीन ने एक जून से 60 अरब डॉलर के अमेरिकी आयात पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा की है.

साथ ही उसने व्यापार विवाद समाप्त करने के लिये अमेरिका के साथ काम करने की इच्छा जतायी है. जापान में अगले महीने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और चीन के नेताओं की मुलाकात होने वाली है.

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