नई दिल्ली:दीपावली पर इस बार गिफ्ट में परंपरागत देसी खिलौने की अच्छी मांग रही जबकि चमक-दमक वाले चीनी उत्पादों के प्रति ग्राहकों का रुझान कम रहा. इसकी वजह भी कोरोना काल में बदली परिस्थितियां ही रही हैं जिसके चलते खिलौने के आयात में काफी गिरावट आई है.
कारोबारी बताते हैं कि खासतौर से लाइटिंग वाले खिलौने जो बच्चों के लिए मनमोहक होते हैं इस साल दीपावली पर ग्राहकों के लिए आकर्षण के केंद्र नहीं बन पाए बल्कि परंपरागत देसी खिलौने खरीदने में उनकी ज्यादा दिलचस्पी दिखी.
दिल्ली-एनसीआर के खिलौना कारोबारी और प्लेग्रो ट्वॉयज ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर मनु गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि दीपावली पर ज्यादातर लोग उपहारों के लिए खिलौने खरीदते हैं और पहले जहां चीन से आयातित लाइटिंग वाले आइटम लोग ज्यादा खरीदते थे वहां इस साल वे देसी और परंपरागत खिलौने को पसंद कर रहे थे.
गुप्ता इसकी वजह बताते हैं कि बच्चे इन दिनों घरों में रहते हैं इसलिए उनके लिए इंडोर प्ले आइटम्स की मांग ज्यादा है जबकि लग्जरी व मॉर्डन ट्यॉज जिनमें आउटडोर ट्यॉज, लाइट एंड म्यूजिक के खिलौने, रिमोट कंट्रोल के खिलौने आते हैं उनकी मांग कम हो रही है.
देसी खिलौने के प्रति लोगों के आकर्षण का नतीजा यह हुआ है कि चीन से खिलौने के आयात में काफी गिरावट आ गई है.
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2020-21 के अप्रैल से लेकर सितंबर तक यानी पहली छमाही में करीब 446.39 करोड़ रुपये मूल्य के खिलौने का आयात हुआ जबकि बीते वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 1,97,3.28 करोड़ रुपये के खिलौने का आयात हुआ था. इस प्रकार, बीते पूरे वित्त वर्ष के दौरान हुए खिलौने के कुल आयात के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के आरंभिक छह महीने में महज 22.62 फीसदी ही आयात हो पाया है.
भारत सबसे ज्यादा खिलौने का आयात चीन से करता है, इस साल चीन से खिलौने का आयात घटा है.