नई दिल्ली: सरकार ने आयकर विभाग की आनलाइन ई- आकलन की जिस सुविधा को अगले महीने से शुरू करने की तैयारी की है उसमें यदि किसी करदाता के पास स्थायी खाता संख्या (पैन) या फिर ई- फाइलिंग खाता नहीं होगा तो वह विभाग की ई- आकलन प्रणाली का लाभ उठाने का पात्र नहीं होगा.
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के ताजा निर्देश में यह जानकारी दी गई है. सरकार ने आठ अक्टूबर से कर रिटर्न का चेहरा रहित और नाम रहित आनलाइन आकलन करने की सुविधा शुरू करने की घोषणा की है.
सीबीडीटी ने कहा है कि ऐसे मामले जहां कर अधिकारी ने छापा मारा है और जिन मामलों को "असाधारण परिस्थिति" वाला बताया गया है, उन मामलों को भी इस नई चेहरा रहित आकलन प्रणाली में शामिल नहीं किया जायेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर रिटर्न के आकलन को दबाव रहित और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिये आयकर विभाग नई प्रणाली शुरू करेगा. कंप्यूटर प्रणाली के जरिये करदाता और आयकर अधिकारी के बीच आमना सामना हुये बिना आगे बढ़ाने वाली इस आकलन प्रणाली को ई- आकलन का नाम दिया गया है.
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