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आयकर विभाग ने ई-आकलन योजना को 'फेसलेस' आकलन से जोड़ा - Income tax department linked e-assessment scheme to 'faceless' assessment

संशोधित योजना के तहत राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र (एनईएसी) के प्रधान आयकर मुख्य आयुक्त/प्रधान आयकर महानिदेशक को करदाता के आग्रह या विशेष परिस्थिति में मामले उपयुक्त आकलन अधिकारी के पास भेजने का अधिकार दिया गया है.

आयकर विभाग ने ई-आकलन योजना को 'फेसलेस' आकलन से जोड़ा
आयकर विभाग ने ई-आकलन योजना को 'फेसलेस' आकलन से जोड़ा

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Published : Aug 14, 2020, 10:26 AM IST

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने बृहस्पतिवार को अपनी ई-आकलन योजना को संशोधित करते हुये इसे पहचान रहित (फेसलेस) आकलन से संबद्ध कर दिया.

पिछले साल शुरू ई-आकलन योजना को संशोधित करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ई-आकलन योजना का नाम बदलकर फेसलेस आकलन योजना को अधिसूचित कर दिया है.

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बोर्ड ने बेस्ट जजमेंट यानी सर्वश्रेष्ठ निर्णय वाले आकलन मामले में भी फेसलेस का दायरा बढ़ाया है. यह ऐसा मामला होता जहां करदाता कर अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं करते. करदाता को पहले से सूचना दी जाएगी कि उनका आकलन फेसलेस आकलन योजना के अंतर्गत किया जाएगा.

सर्वश्रेष्ठ निर्णय मूल्यांकन से आशय कर अधिकारी के वैसे मामलों के सर्वोत्तम निर्णय से है, जहां करदाता मूल्यांकन पूरा करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं देता या सहयोग नहीं करता.

संशोधित योजना के तहत राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र (एनईएसी) के प्रधान आयकर मुख्य आयुक्त/प्रधान आयकर महानिदेशक को करदाता के आग्रह या विशेष परिस्थिति में मामले उपयुक्त आकलन अधिकारी के पास भेजने का अधिकार दिया गया है.

साथ ही एनईएसी को करदाता को ब्योरा देने के लिये अतिरिक्त समय देने या मामले को बेस्ट जजमेंट आकलन के लिये भेजने का अधिकार दिया गया है.

अगर करदाता समय पर जवाब देने में विफल रहता है, एनईएसी इस बारे में आकलन इकाई को सूचित करेगा.

आकलन इकाई सभी तथ्यों को देखने के बाद आकलन मसौदा आदेश तैयार करेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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