नई दिल्ली: आयकर विभाग ने बृहस्पतिवार को अपनी ई-आकलन योजना को संशोधित करते हुये इसे पहचान रहित (फेसलेस) आकलन से संबद्ध कर दिया.
पिछले साल शुरू ई-आकलन योजना को संशोधित करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ई-आकलन योजना का नाम बदलकर फेसलेस आकलन योजना को अधिसूचित कर दिया है.
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बोर्ड ने बेस्ट जजमेंट यानी सर्वश्रेष्ठ निर्णय वाले आकलन मामले में भी फेसलेस का दायरा बढ़ाया है. यह ऐसा मामला होता जहां करदाता कर अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं करते. करदाता को पहले से सूचना दी जाएगी कि उनका आकलन फेसलेस आकलन योजना के अंतर्गत किया जाएगा.
सर्वश्रेष्ठ निर्णय मूल्यांकन से आशय कर अधिकारी के वैसे मामलों के सर्वोत्तम निर्णय से है, जहां करदाता मूल्यांकन पूरा करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं देता या सहयोग नहीं करता.