नई दिल्ली: देशभर में प्याज की आसमान छूती कीमतों ने अब रिजर्व बैंक को भी परेशान करना शुरू कर दिया है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की इस महीने की शुरुआत में रेपो दर पर निर्णय लेने के लिये हुई बैठक में प्याज का मुद्दा छाया रहा.
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैठक का ब्यौरा प्रकाशित किया. देश भर में प्याज की कीमतें सितंबर से बढ़ी हुई हैं. दिल्ली में प्याज का औसत भाव 130 से 140 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है.
ब्यौरे के अनुसार, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में कहा, "खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में तेजी से बढ़ी और अक्टूबर में भी इसमें तेजी देखी गयी. देश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश से खरीफ फसल को नुकसान होने के कारण सब्जियों के भाव बढ़े हैं, और इसी कारण खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है."
छह सदस्यीय एमपीसी ने पांच दिसंबर को समाप्त हुई बैठक में रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया था. दास के साथ ही एमपीसी के पांच अन्य सदस्यों चेतन घाटे, पामी दुआ, रविंद्र एच. ढोलकिया, माइकल देवव्रत पात्रा और विभु प्रसाद कानुनगो ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर बनाये रखने के पक्ष में वोट किया.
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर कानुनगो ने भी दास की बात दोहराते हुए कहा कि अक्टूबर और नवंबर की शुरुआत में हुई बेमौसम बारिश ने कुछ फसलों को नुकसान पहुंचाया, जिससे मंडी में इनकी आवक पर असर पड़ा है.