मुंबई: खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था के लिए 'और भी मुश्किलें' खड़ी करने वाली और इसके चलते रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दर में कटौती करने से रुक जाएगा. विशेषज्ञों ने सोमवार को चेताया कि भारत के लिए एक ही समय पर आर्थिक गतिविधियों में ठहराव और उच्च मुद्रास्फीति की स्थित में फंसने का खतरा है.
सोमवार को जारी आधिकारिक आंकडो़ं के मुताबिक, सब्जियों की भारी महंगाई के बीच उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में उछल कर 7.35 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के विश्लेषकों ने कहा, "करीब से देखने पर पता चलता है कि मुद्रास्फीति में उछाल अस्थायी प्रकृति का या किसी विशेष कारक की वजह से है. अगर इसे सिर्फ शोर माना जाये तो भी क्या आरबीआई इसे नजरअंदाज कर सकता है? जवाब है नहीं."
उन्होंने चेताया, "नरम पड़ती आर्थिक वृद्धि के साथ जरूरत से ज्यादा ऊंची मुद्रास्फीति, मुद्रास्फीति जनित ठहराव का खतरा बढ़ाती है."