गरीबी पर किए गए काम को पहचान मिलने से खुश: अभिजीत बनर्जी
बनर्जी को यह पुरस्कार उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से मिला है. उन्हें यह पुरस्कार वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए उनके शोध कार्यों के लिए दिया गया है.
न्यूयॉर्क: वर्ष 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाले भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी ने सोमवार को कहा कि दुनिया के सबसे गरीब लोगों को ध्यान में रखकर किए गए काम को इतना प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने पर वह खुश हैं.
बनर्जी को यह पुरस्कार उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से मिला है. उन्हें यह पुरस्कार वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए उनके शोध कार्यों के लिए दिया गया है.
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नोबेल प्राइज डॉट ओआरजी को दिए साक्षात्कार में बनर्जी ने कहा कि यह पुरस्कार इस तथ्य को प्रतिबिंबित करता है कि "हम कभी कभी सबके भले की बात करते हैं. लेकिन यह कुछ ऐसा है जिस पर ऐसे पुरस्कार के मामले में हमेशा ध्यान नहीं दिया जाता है."
उन्होंने कहा कि वह खुश है कि इस ओर भी कुछ ध्यान दिया गया है.
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि अन्य जिन सभी बातों के लिये उन्हें पुरस्कार मिला है वह उतनी महत्वपूर्ण नहीं है. लेकिन इस बात को पुरस्कार मिलना इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करेगा. दुनिया में बहुत लोग हैं जो असल काम करते हैं, वह हमारी तरह नहीं है. यह असल काम करने वाले लोगों को सम्मानित करने वाला पुरस्कार है.