दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

जीएसटी परिषद सोमवार को तीसरी बार करेगी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर चर्चा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली परिषद लगातार तीसरी बार जीएसटी राजस्व में कमी की क्षतिपूर्ति को लेकर चर्चा करने वाली है. विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित कुछ राज्य यह सुझाव दे रहे हैं कि इस मामले में आम सहमति बनाने के लिये मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया जाना चाहिये.

By

Published : Oct 11, 2020, 5:18 PM IST

जीएसटी परिषद सोमवार को तीसरी बार करेगी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर चर्चा
जीएसटी परिषद सोमवार को तीसरी बार करेगी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर चर्चा

नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद सोमवार को बैठक में तीसरी बार क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर चर्चा करेगी. इस बैठक में क्षतिपूर्ति को लेकर आम सहमति बनाने के लिये एक मंत्रिस्तरीय समिति गठित करने के गैर-भाजपा शासित राज्यों के सुझाव पर गौर किया जा सकता है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली परिषद लगातार तीसरी बार जीएसटी राजस्व में कमी की क्षतिपूर्ति को लेकर चर्चा करने वाली है. विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित कुछ राज्य यह सुझाव दे रहे हैं कि इस मामले में आम सहमति बनाने के लिये मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया जाना चाहिये.

हालांकि भाजपा शासित कर्ज लेने के दिये गये विकल्प पर बीजेपी शासित राज्य पहले ही केंद्र से सहमत हो चुके हैं और इनका मानना है कि उन्हें अब कर्ज लेने की दिशा में आगे बढ़ने की मंजूरी दी जानी चाहिये, ताकि उन्हें शीघ्र धन उपलब्ध हो सके.

सूत्रों ने कहा कि जीएसटी परिषद की 43वीं बैठक का एकसूत्रीय एजेंडा क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर आगे का रास्ता निकालना है.

परिषद ने पिछले सप्ताह हुई आखिरी बैठक में यह निर्णय लिया था कि कार, तंबाकू आदि जैसे विलासिता या अहितकर उत्पादों पर जून 2022 के बाद भी उपकर लगाया जायेगा. हालांकि उक्त बैठक में क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन पायी थी.

चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है.

केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिया है. पहले विकल्प के तहत रिजर्व बैंक के द्वारा 97 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के लिये विशेष सुविधा दिये जाने , तथा दूसरे विकल्प के तहत पूरे 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाने का प्रस्ताव है.

केंद्र सरकार का कहना है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में अनुमानित कमी में महज 97 हजार करोड़ रुपये के लिये जीएसटी क्रियान्वयन जिम्मेदार है, जबकि शेष कमी का कारण कोरोना वायरस महामारी है.

कुछ राज्यों की मांग के बाद पहले विकल्प के तहत उधार की विशेष ऋण व्यवस्था को 97 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details