दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

जीएसटी परिषद की बैठक 20 जून को, ई-इनवॉयस के लिए 50 करोड़ रुपये के कारोबारी की सीमा हो सकती है तय - GST Council

कंपनियों की ओर से प्रस्तुत विवरणों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2017-18 में 68,041 कंपनियों ने 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दिखाया. इन कंपनियों का जीएसटी) में योगदान 66.6 प्रतिशत रहा .

जीएसटी परिषद की बैठक 20 जून को, ई-इनवॉयस के लिए 50 करोड़ रुपये के कारोबारी की सीमा हो सकती है तय

By

Published : Jun 9, 2019, 6:54 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय कंपनी से कंपनी के बीच खरीद फरोखत (बी2बी) के लिये एक केंद्रीकृत सरकारी पोर्टल पर ई-इनवॉयस सृजित करने की प्रस्तावित व्यवस्था 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक के कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए जरूरी करने का प्रस्ताव कर सकता है. जीएसटी की चोरी पर अंकुश लगाने के लिये यह कदम उठाने की योजना है. एक अधिकारी ने यह कहा.

इस प्रस्ताव पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 20 जून को होने वाली अगली बैठक में राज्यों के साथ परामर्श कर निर्णय किया जाएगा.

ये भी पढ़ें-कोचीन हवाईअड्डा मॉडल अपनाकर बिजली बचाएं इकाइयां: पीएम मोदी

कंपनियों की ओर से प्रस्तुत विवरणों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2017-18 में 68,041 कंपनियों ने 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दिखाया. इन कंपनियों का जीएसटी) में योगदान 66.6 प्रतिशत रहा .

जीएसटी भुगतान करने वाली कुल इकाइयों में ऐसी कंपनियों का हिस्सा केवल 1.02 प्रतिशत है पर बी2बी इनवॉयस निकालने के मामले में इनकी हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत है.

अधिकारी ने को बताया, "जीएसटी परिषद के सहमत होने पर बी2बी बिक्री के लिये ई-इनवॉयस सृजित करने को लेकर इकाइयों के लिये कारोबार सीमा 50 करोड़ रुपये तय की जा सकती है. इस सीमा के साथ बड़े करदाता जिनके पास अपने साफ्टवेयर को एकीकृत करने की बेहतर प्रौद्योगिकी है, उन्हें बी2बी बिक्री के लिये ई-इनवॉयस सृजित करना होगा."

ई-इनवॉयस सृजित करने के साथ 50 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को रिटर्न फाइल करने और इनवॉयस अपलोड करने के दो काम से राहत मिलेगी. वहीं सरकार को इनवॉयस के दुरूपयोग को रोकने तथा कर चोरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

अधिकारी ने आगे कहा कि मौजूदा प्रणाली में इनवॉयस सृजित करने और बिक्री रिटर्न भरने के बीच समय का अंतर होता है.

मासिक बिक्री सारांश रिटर्न जीएसटीआर 3बी भरने और जीएसटी भुगतान करने वालों की संख्या उन इकाइयों से अधिक है जो आपूर्ति रिटर्न जीएसटी-1 भर रहे हैं. इसमें इनवॉयस के विवरण के साथ विवरण भरा जाता है. विश्लेषण से पता चलता है कि अंतर का कारण इनवॉयस अपलोड करने में कठिनाई या फिर इसके पीछे मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दुरूपयोग है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details