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कम खोज वाले तेल और गैस ब्लॉक से उत्पादन लाभ में हिस्सा नहीं मांगेगी सरकार

भारत के दूसरे दौरे पर आए सऊदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फलीह ने अपने भारतीय समकक्ष धर्मेंद्र प्रधान के साथ सालाना छह करोड़ टन के मेगा ऑइल रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स पर चर्चा की.

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Published : Mar 12, 2019, 10:49 AM IST

कम खोज वाले तेल और गैस ब्लॉक से उत्पादन लाभ में हिस्सा नहीं मांगेगी सरकार

नई दिल्ली: भारत ने अपने रणनीतिक तेल भंडार में निवेश के लिए सऊदी अरब को आमंत्रित किया है. भारत 44 अरब डॉलर (3.08 लाख करोड़ रुपये) के रिफाइनरी प्रॉजेक्ट में नई जान फूंकने पर विचार कर रहा है. बीजेपी शासित महाराष्ट्र की सरकार ने इस प्रॉजेक्ट के लिए प्रारंभिक जगह पर जमीन देने से मना कर दिया है.

तीन सप्ताह के भीतर भारत के दूसरे दौरे पर आए सऊदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फलीह ने अपने भारतीय समकक्ष धर्मेंद्र प्रधान के साथ सालाना छह करोड़ टन के मेगा ऑइल रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स पर चर्चा की. इसका निर्माण पहले महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में किया जाना था, लेकिन इस साल की शुरुआत में राज्य की सरकार ने इसके लिए जमीन देने से मना कर दिया.

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तेल मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक बयान के मुताबिक, "दोनों देशों के मंत्रियों ने भारत के तेल एवं गैस क्षेत्र में सऊदी अरब के विभिन्न निवेश प्रस्तावों की समीक्षा की. इस दौरान महाराष्ट्र में पहले जॉइंट वेंचर वेस्ट कॉस्ट रिफाइनरी ऐंड पेट्रोकेमिकल प्रॉजेक्ट के क्रियान्वयन में तेजी लाने पर भी चर्चा हुई. इस प्रॉजेक्ट की लागत 44 अरब डॉलर है, जो दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड रिफाइनरी होगी."
( भाषा )

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