नई दिल्ली: सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह तथा इसके प्रशासन को दुरुस्त करने के उपायों का सुझाव देने के लिये अधिकारियों की एक समिति गठित की है.
एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, "समिति विस्तृत सुधारों पर विचार करेगी ताकि सुझावों की व्यापक सूची उभर कर आ सके."
समिति के गठन की शर्तों में दुरुपयोग रोकने के उपायों तथा स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार के कदमों समेत जीएसटी में संरचनात्मक बदलावों के बारे में सुझाव देना है. समिति को कर आधार बढ़ाने के उपायों के बारे में भी सुझाव देने की जिम्मेदारी दी गयी है.
सरकार ने जीएसटी राजस्व बढ़ाने के लिए समिति का किया गठन
जीएसटी संग्रह में लगातार कमी को लेकर सरकार काफी चितिंत है. सरकार ने इसी क्रम में जीएसटी राजस्व संग्रह और प्रशासन में सुधार के लाने के लिए अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है.
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आदेश में कहा गया कि कानून में नीतिगत उपायों तथा संबंधित बदलावों की जरूरत है. आंकड़ों के बेहतर विश्लेषण तथा बेहतर प्रशासनिक समन्वय के जरिये अनुपालन की बेहतर निगरानी तथा अपवंचना रोधी उपायों का सुझाव देना भी गठन की शर्तों में शामिल है. आदेश में कहा गया कि समिति 15 दिनों के भीतर जीएसटी सचिवालय में पहली रिपोर्ट सौंप देगी.
बता दें कि समिति के गठन के पीछे सरकार की मंशा जीएसटी संग्रह बढ़ाने की है. सितंबर में जीएसटी संग्रह घटकर 91,916 करोड़ रुपये रह गया, जो अगस्त की तुलना में 6,286 करोड़ रुपये कम है. यह आकड़ा पिछले 19 महीने का सबसे नीचले स्तर पर पहुंच गया था.
वहीं, अगस्त में जीएसटी संग्रह 98,202 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि, विशेषज्ञों को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने की वजह से अक्टूबर में जीएसटी संग्रह का आंकड़ा बेहतर रहेगा.
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