दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

मंदी में बिक्री की भरपाई करने के लिए प्रमुख कपड़े ब्रांड बेच रहें हैं मास्क - भारतीय परिधान ब्रांडों के लिए उद्धारक साबित हुआ फेस मास्क

देश में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पिछले कुछ महीनों से लुइस फिलिप्स, वैन हियूज़न, एलन सोली, प्यूमा, जॉकी, शॉपर्स स्टॉप, फैबइंडिया, वाइल्डक्राफ्ट आदि जैसे ब्रांडों में फेस मास्क लॉन्च को लेकर होड़ सी मच गई है.

By

Published : Jul 21, 2020, 4:08 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 4:16 PM IST

हैदराबाद: कोरोना महामारी ने एक नई चीज को जन्म दिया है. जिसे किसी प्रचार प्रसार की जरुरत नहीं है. ये अब रोजमर्रा की जरुरत के जैसा हो गया है. मास्क और फेस कवर अब एक आवश्यक वस्तु बन गई है. जिसके बिना लगाए कोई भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहेगा.

भारत में परिधान निर्माता जिन्हें इस साल अपने घरेलू और निर्यात व्यवसाय में कोरोना के कारण काफी नुकसान हुआ है. अब वे ऐसे फेस मास्क का निर्माण करके जीवित रहने का रास्ता तलाश रहे हैं जिन्हें अनिवार्य बना दिया गया है.

ये भी पढ़ें-कोरोना काल में चार गुना बढ़ा इस केबल कंपनी का मुनाफा

देश में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए लुइस फिलिप्स, वैन हियूज़न, एलन सोली, प्यूमा, जॉकी, शॉपर्स स्टॉप, फैबइंडिया, वाइल्डक्राफ्ट आदि जैसे प्रमुख परिधान ब्रांड पिछले कुछ महीनों से मास्क और फेस कवर लॉन्चिंग की होड़ में हैं.

अब तीन मुख्य प्रकार के फेस मास्क हैं

  1. एन 95 श्वासयंत्र जैसे पेशेवर श्वसन यंत्र जो पहनने वाले को हवाई कणों से और चेहरे को दूषित करने वाले तरल से बचाते हैं.
    एन95 मास्क
  2. शल्य चिकित्सा या प्रक्रियात्मक मास्क जो स्वास्थ्य देखभाल प्रक्रियाओं के दौरान पहने जाने वाले डिस्पोजेबल और तरल-प्रतिरोधी कवर हैं.
    शल्य चिकित्सा मास्क
  3. सादे सूती मुखौटे या फैशन मास्क जो खांसी को रोकने के लिए गैर-रोगियों के लिए सहायक हैं.
    सादा कॉटन मास्क या फैशन मास्क

परिधान ब्रांड तीसरी श्रेणी के फेस मास्क बनाने पर फोकस कर रहे हैं क्योंकि उनके लिए ऐसे फेस कवर बनाने के लिए कम से कम निवेश के साथ उत्पादन इकाइयों को फिर से संगठित करना आसान है. इस तरह के फेस मास्क में बचे हुए कपड़े का उपयोग करने की आवश्यकता की जरुरत होती है.

उनमें से कुछ नए एंटी-वायरल फैब्रिक का उपयोग करके एक कदम आगे जा रहे हैं. एंटी-वायरल फैब्रिक मास्क कोरोन वायरस सहित अन्य वायरस की एक श्रृंखला को खत्म करने के लिए जाने जाते हैं.

पीटर इंग्लैंड एक ऐसा ब्रांड है जिसने भारत में एंटी-वायरल मास्क का संग्रह बेचने के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी HeiQ के साथ मिलकर अपने वीरो ब्लाक फैब्रिक तकनीक का उपयोग किया है.

पीटर इंग्लैंड एंटी वायरल मास्क

विभिन्न भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय डिज़ाइनर भी इस तरह के परीक्षण कर रहें हैं. ये तरीके कंपनियों को उनके व्यवसाय को बनाए रखने में भी मदद करता है. भारत में मसाबा गुप्ता, अनीता डोंगरे, पायल सिंघल, नित्या बजाज, शिवन और नरेश और मनीष त्रिपाठी जैसे डिज़ाइनर इन कपड़ों के मास्क बेच रहे हैं, जो केवल एक सुरक्षात्मक गियर होने के बजाय एक फैशन स्टेटमेंट बनाने के लिए एक टूल में बदल जाते हैं.

लेकिन मास्क बनाने में एक अप्रत्याशित प्रवेशक ने जगह बनाई है वह है ज्वेलर्स. भारत भर में आभूषण की दुकानें सोने और चांदी के मुखौटे बना रही हैं. कुछ हीरे-जड़ी भी हैं. जिनकी कीमत लाखों में है और यह सोने को पसंद करने वाले लोगों का काफी भा रहें हैं. हालांकि वायरस के खिलाफ उनकी सुरक्षा संदिग्ध है. लेकिन जिनके पास पैसा है वे इसे खरीदने से अपने को रोक नहीं पा रहें हैं.

सोने और चांदी के मास्क

इस तरह के उत्पादन के पैमाने को देखते हुए मई की शुरुआत में केंद्र सरकार ने रेशम, ऊन और बुना हुआ वाले सभी प्रकार के गैर-सर्जिकल और गैर-चिकित्सा मास्क के निर्यात पर प्रतिबंधों में ढील दी.

एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि श्वसन मास्क के लिए दुनिया की मांग 2019 में 14,600 मिलियन यूनिट बढ़ने की संभावना है और 2023 में 33,361 मिलियन यूनिट तक पहुंचने का अनुमान है जिसका कंपाउंड वार्षिक वृद्धि दर 22.9 प्रतिशत है.

(ईटीवी भारत रिपोर्ट)

Last Updated : Jul 21, 2020, 4:16 PM IST

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details