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गाजीपुर: लॉकडाउन में मिली किसानों को राहत, मिर्च और लौकी भेजी जा रही लंदन

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में लॉकडाउन में भी किसानों के चेहरे खिलते नजर आ रहे हैं. भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की संस्था एपिडा के सहयोग से किसानों की मिर्च, लौकी को लंदन निर्यात की जा रही है, जिससे किसान खुश नजर आ रहे हैं.

गाजीपुर: लॉकडाउन में मिली किसानों को राहत, मिर्च और लौकी भेजी जा रही लंदन
गाजीपुर: लॉकडाउन में मिली किसानों को राहत, मिर्च और लौकी भेजी जा रही लंदन

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Published : Apr 26, 2020, 6:04 PM IST

गाजीपुर:जिले में एक तरफ जहां सब्जियों के दाम गिरते जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ऐसे में भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने किसानों को बड़ी राहत दी है. दरअसल एपिडा संस्था के सहयोग से क्षेत्रीय किसानों की मिर्च एवं लौकी की फसल को लंदन निर्यात किया जा रहा है, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है. अब तक 15 क्विंटल मिर्च और 5 क्विंटल लौकी वातानुकूलित वाहन से दिल्ली पैकिंग हाउस भेजी जा चुकी है.

गाजीपुर: लॉकडाउन में मिली किसानों को राहत, मिर्च और लौकी भेजी जा रही लंदन

सब्जियों के निर्यात से किशान खुश

लॉकडाउन में सब्जियों के निर्यात से गाजीपुर के किसानों का मनोबल बढ़ा है. जिले के जोगामुसाहिब के प्रगतिशील किसान रामकुमार राय और लोचाइन गांव के जितेंद्र राय ने 15 कुंतल मिर्च और पांच क्विंटल लौकी को वातानुकूलित वाहन से दिल्ली स्थित पैकिंग हाउस भेजा. दिल्ली एयरपोर्ट से सब्जियों की पहली खेप लंदन भेजी जा चुकी है.

15 क्विंटल मिर्च और 5 क्विंटल लौकी भेजी
किसान जितेंद्र राय ने बताया कि उन्होंने इंदु वैरायटी की नून हेम्स मिर्च और उन्नत किस्म की लौकी की खेती की है. 15 क्विंटल मिर्च और 5 क्विंटल लौकी वातानुकूलित वाहन से दिल्ली भेजी गई है, जहां से उसे इंग्लैंड भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि यूपी डाक के माध्यम से सूचित किया गया था कि मिर्च और लौकी की आवश्यकता है और हमने समय से मानकों के अनुरूप लौकी और मिर्च की खेती तैयार की है, जिसे विदेश भेज दिया गया है.

वहीं, किसान जितेंद्र राय का कहना है कि जिन सब्जियों का विदेशों में निर्यात किया जाता है, उन सब्जियों में दवाओं का छिड़काव 12 दिन पूर्व होता है. साथ ही बैन दवाओं का प्रयोग प्रतिबंधित होता है. केवल खास प्रजाति की मिर्च लौकी और अन्य सब्जियां ही निर्यात की जाती हैं. एपीडा के तहत रजिस्टर्ड होने के नाते हम किसान उन विशेष प्रजाति की सब्जियों की खेती करते हैं.

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