नई दिल्ली: राज्य सरकारें अभी तक सिर्फ 20.26 लाख प्रवासी श्रमिकों को ही मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति कर पायी हैं. हालांकि, केंद्र सरकार या राज्य सरकारों ने राशन कार्ड नहीं रखने वाले आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त अनाज पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था.
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों में इसका पता चला. केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर कोई भी प्रवासी श्रमिक के भूखा नहीं रहे इसे सुनिश्चित करने के लिये 14 मई को मुफ्त अनाज योजना की घोषणा की थी. इसके तहत बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को भी प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न और प्रति परिवार एक किलोग्राम चना मुहैया कराने की घोषणा की गयी थी.
यह घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज का हिस्सा थी. इसके तहत आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया था.
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केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 4.42 लाख टन खाद्यान्न उठाया है और 20.26 लाख लाभार्थियों को 10,131 टन खाद्यान्न वितरित किया है."