नई दिल्ली: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को विभिन्न निगमों और सरकारी कम्पनियों के साथ पांच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि इससे सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने ये एमओयू जनजातीय मामले मंत्रालय, जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के साथ किए.
इस मौके पर तोमर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री रामेश्वर तेली भी मौजूद थे.
तोमर ने कहा, "इन एमओयू के माध्यम से सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रो में रोजगार उपलब्ध कराने, जीवन स्तर में बदलाव लाने व सरकार की योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों का जीवन संवारने में मदद मिलेगी."
उन्होंने कहा कि आमलोगों, खासतौर से गरीबों तक लाभ पहुंचाने के लिए फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय ने सभी विभागोंसे समन्वय बनाने की कोशिश की है और पीएमएफएमई स्कीम में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा.