नई दिल्ली: खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि केले और और अंडों जैसे खाद्य पदार्थों के लिए पांच सितारा होटल द्वारा अत्यधिक दाम वसूला जाना, 'अनुचित व्यापार व्यवहार' है और सरकार उनसे स्पष्टीकरण मांगेगी. मंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों पर नकेल कसने के लिए हाल ही में बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत नियम और कानून बनाने के समय प्रावधान किए जाएंगे.
पासवान हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो का जिक्र कर रहे थे जिसमें अभिनेता राहुल बोस को चंडीगढ़ के पांच सितारा होटल जेडब्ल्यू मैरियट में दो केले के लिए 442 रुपये का बिल भरना पड़ा था. एक और पांच सितारा होटल द्वारा दो उबले हुए अंडे के लिए 1,700 रुपये का बिल दिया गया था जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
पांचसितारा होटलों को केला, अंडे की अधिक कीमत वसूलने के बारे में सफाई देनी चाहिये: पासवान पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, "सोशल मीडिया और मीडिया में शिकायतें और खबरें हैं कि केले और अंडे जैसी वस्तुओं के लिए कुछ पांच सितारा होटलों द्वारा काफी ज्यादा पैसे वसूल किये गये है. यह एक गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण मामला है."
मंत्री ने आश्चर्य व्यक्त किया कि कैसे पांच सितारा होटल दो केले के लिए 442 रुपये और दो अंडों के लिए 1,700 रुपये का शुल्क ले सकते हैं, जबकि ये सामान खुले बाजार में बहुत सस्ती दरों पर बेचे जाते हैं. पासवान ने कहा कि उनका मंत्रालय संबंधित पांचसितारा होटलों से सफाई मांगेगा कि उन्होंने किस आधार पर उन्होंने ये शुल्क लगाया है.
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उन्होंने कहा, "हम दोहरे एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) की अनुमति नहीं देंगे."
उन्होंने कहा कि सरकार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ऐसी मामलों की जांच करने के लिए नियम बनाएगी जिसे हाल ही में संसद द्वारा पारित किया गया था. मंत्री के संवाददाता सम्मेलन के बाद, उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव ने कहा, "प्रथम दृष्टया तो यह एक अनुचित व्यापार व्यवहार है. जैसा कि मंत्री ने निर्देश दिया है, हम इन होटलों से स्पष्टीकरण मांगेंगे."
उन्होंने आगे कहा कि अगर इन पांच सितारा होटलों को अनुचित व्यवहार में लिप्त पाया जाता है तो ऐसे होटलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विवाद उत्पन्न होने पर फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्त्रां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने हालांकि जे डब्ल्यू मैरियट, चंडीगढ़ का बचाव किया था और उनका तर्क था कि होटल ने कुछ भी 'अवैध' नहीं किया है.
उसने कहा कि होटल परिसर में परोसे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थ पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाना कानून सम्मत है. एफएचआरएआई ने तर्क दिया था कि एक खुदरा स्टोर से केला बाजार मूल्य पर खरीदा जा सकता है पर बड़े होटलों में केवल सामान ही नहीं बल्कि उसके साथ सेवा, गुणवत्ता, प्लेट, कटलरी, साथ में अन्य चीजें, स्वच्छ किए गए फल, विशेष परिवेश और विलासिता भी प्रदान की जाती है.