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जानिए क्या है 1 जनवरी से लागू होने वाली नई चेक सुरक्षा प्रणाली 'पॉजिटिव पे'

जानिए कैसे पॉजिटिव पे सिस्टम हाई-वैल्यू चेक भुगतानों को सुरक्षित रखने और बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा.

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Published : Dec 30, 2020, 7:03 PM IST

जानिए क्या है 1 जनवरी से लागू होने वाली नई चेक सुरक्षा प्रणाली 'पॉजिटिव पे'
जानिए क्या है 1 जनवरी से लागू होने वाली नई चेक सुरक्षा प्रणाली 'पॉजिटिव पे'

बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत :भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस साल अगस्त में चेक ट्रंकेशन सिस्टम के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम लाने की घोषणा की, जिसे 1 जनवरी 2021 से लागू किया जाना है.

जैसे-जैसे इसकी तारीख नजदीक आ रही है, बैंकों ने नई चेक भुगतान प्रणाली शुरू करने की घोषणा की है. यदि आप भुगतान करने या प्राप्त करने के लिए चेक का उपयोग करते हैं, तो यह बातें आपको पता होना चाहिए.

पॉजिटिव पे क्या है?

पॉजिटिव पे में बड़े मूल्य के चेक के जरिए धोखाधड़ी गतिविधियों को रोकने के लिए उन्हें मंजूरी देने से पहले प्रमुख विवरणों को फिर से देने की एक प्रक्रिया शामिल है.

इस प्रक्रिया के तहत, चेक जारीकर्ता, चाहे वह कंपनी हो या कोई व्यक्ति, चेक के कुछ विवरण जैसे दिनांक, लाभार्थी / भुगतानकर्ता का नाम, राशि, आदि बैंक को जमा करता है.

जारीकर्ता बैंक के निर्देशानुसार एसएमएस, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम आदि जैसे माध्यमों से इलेक्ट्रॉनिक रूप से विवरण प्रस्तुत किया जा सकता है.

जब चेक को समाशोधन के लिए प्रस्तुत किया जाता है, तो चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) जारीकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए विवरणों के साथ उसके विवरण को क्रॉस-चेक करता है.

यदि कोई विसंगति पाई जाती है, तो उसे सीटीएस द्वारा जारीकर्ता के बैंक और प्रेजेंटिंग बैंक को भेजा जाता है, जो संबंधित निवारण उपाय करते हैं.

किस तरह के धोखाधड़ी को रोक सकते हैं पॉजिटिव पे?

पॉजिटिव पे उन मामलों का पता लगाने में मदद कर सकता है, जिनमें नकली चेक (अर्थात वास्तविक दिखने के लिए गैर-बैंक के कागज पर बनाई गई), फर्जी चेक (एक वास्तविक चेक, लेकिन जाली हस्ताक्षर) या सबसे महत्वपूर्ण धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया चेक (यानी एक वास्तविक चेक, वास्तविक ग्राहक, लेकिन जहां राशि या प्राप्तकर्ता का नाम बदल दिया गया है) शामिल है.

क्या यह सभी चेकों पर लागू है?

बैंक 50 हजार या उससे अधिक राशि के चेक जारी करने वाले सभी खाताधारकों के लिए पॉजिटिव पे नियम लागू करेंगे. हालांकि आरबीआई ने यह भी साफ़ किया है कि सुविधा का लाभ खाताधारक के विवेक पर है.

दूसरे शब्दों में, यदि खाताधारक अपने जारी किए गए प्रत्येक चेक का विवरण जमा नहीं करना चाहते हैं, तो वे सुविधा का उपयोग नहीं करने का विकल्प चुन सकते हैं और सीटीएस बिना किसी क्रॉस-वेरिफिकेशन के उनके चेक को क्लियर कर देगा.

हालांकि, आरबीआई ने कहा कि बैंक 5 लाख रुपये और उससे अधिक के चेक के मामले में इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकते हैं. बैंकों को अभी व्यक्तिगत अपने निर्णय की घोषणा करनी है.

खाताधारकों को पॉजिटिव पे के बारे में क्या पता होना चाहिए?

खाताधारकों को पता होना चाहिए कि सीटीएस ग्रिड में विवाद समाधान तंत्र के तहत केवल वे चेक जो पॉजिटिव पे तंत्र के अनुरूप हैं, स्वीकार किए जाएंगे. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि जारीकर्ता पॉजिटिव पे सेवा का विकल्प चुनें.

आरबीआई ने यह भी कहा है कि सदस्य बैंक सीटीएस के बाहर भी जमा किए गए चेक के समान व्यवस्था लागू कर सकते हैं.

किन बैंकों ने पॉजिटिव पे के कार्यान्वयन की घोषणा की है?

देश के शीर्ष ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बुधवार को 1 जनवरी से चेक के लिए पॉजिटिव पे प्रणाली शुरू करने की घोषणा की.

एसबीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, "चेक के माध्यम से किए गए अपने सभी लेनदेन को सुरक्षित रखते हुए, एसबीआई चेक भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए 1 जनवरी 2021 से पॉजिटिव पे प्रणाली की शुरुआत कर रहा है. अधिक जानकारी के लिए, अपने नजदीकी एसबीआई शाखा से संपर्क करें."

दिलचस्प बात यह है कि आईसीआईसीआई बैंक 2016 से अपने खाताधारकों को वैकल्पिक पॉजिटिव पे सेवा प्रदान कर रहा है, जिसमें ग्राहक जारी किए गए चेक के विवरण को बैंक के आईमोबाइल एप्लिकेशन पर चेक के सामने और रिवर्स साइड की छवि के साथ सौंपने से पहले साझा कर सकते हैं. लाभार्थी को अब इस सेवा के दायरे को और व्यापक बनाने की उम्मीद है.

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