नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल और एमटीएनएल ने क्षेत्रीय नियामक ट्राई से कहा है कि सेवाओं की न्यूनतम दर रखने का प्रावधान केवल उन्हीं दूरसंचार कंपनियों के लिये हो जिनका संबंधित सेवा क्षेत्र में ग्राहकों का आधार 15 प्रतिशत से अधिक है. जिन कंपनियों का ग्राहकों का आधार न के बराबर है या बहुत कम है, उन्हें न्यूनतम दरों से छूट दी जानी चाहिए.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के ताजा आंकड़े के अनुसार भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) पूरे देश में मोबाइल ग्राहकों के आधार पर बाजार हिस्सेदारी करीब 10.3 प्रतिशत है. कंपनी दिल्ली और मुंबई सर्किल को छोड़कर पूरे देश में सेवा देती है. महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) दिल्ली और मुंबई में काम करती है और उसकी बाजार हिस्सेदारी 0.29 प्रतिशत है.
आंकड़े के अनुसार रिलायंस जियो 32.1 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है. भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की बाजार हिस्सेदारी क्रमश: 28.43 प्रतिशत और 28.89 प्रतिशत है.
ट्राई को दिये अपने सुझाव में सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों कंपनियों ने कहा कि दूरसंचार उद्योग को क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. इसका कारण पूंजी से भरपूर दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की अप्रत्याशित रूप से बाजार में आना है.
ये भी पढ़ें-राणा कपूर का 2,000 करोड़ रुपये का निवेश, दर्जनों मुखौटा कंपनियां ईडी जांच के घेरे में
ये कंपनियां मुक्त और काफी कम दर पर सेवाओं की पेशकश कर रही हैं. इसके कारण कई कंपनियों को अपना कारोबार समेटना पड़ा है. पुन: उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद समायोजित सकल आय (एजीआर) भुगतान के कारण उनकी समस्या और बढ़ी है.
दोनों कंपनियों ने एक जैसे पत्रों में ट्राई से कहा है, "दूरसंचार उद्योग को बाजार में बने रहने के लिये प्राधिकरण से कम-से-कम अल्पकाल के लिये मदद की जरूरत है."