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अनिवार्य वस्तुएं: राज्यों को ट्रकों, मजदूरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश - राज्यों को ट्रकों

राज्य सरकारों से राज्यों के भीतर और अंतर्राज्यीय ट्रकों के आवागमन और इस काम में जुड़े ड्राइवरों व मजदूरों को काम की जगह पहुंचने की छूट देने को कहा है.

अनिवार्य वस्तुएं: राज्यों को ट्रकों, मजदूरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश
अनिवार्य वस्तुएं: राज्यों को ट्रकों, मजदूरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश

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Published : Apr 6, 2020, 12:27 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना वायर संबंधी प्रतिबंधों के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को किराना और अन्य अनिवार्य वस्तुओं की आवाजाही सुगम बनाने के विषय में नए निर्देश दिए हैं. राज्य सरकारों से राज्यों के भीतर और अंतर्राज्यीय ट्रकों के आवागमन और इस काम में जुड़े ड्राइवरों व मजदूरों को काम की जगह पहुंचने की छूट देने को कहा है.

उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन कुमार अग्रवाल ने इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें जो अनिवार्य वस्तुओं की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस के साथ समन्वय करें. इनोडल अधिकारी उन कंपनियों और संगठनों को अनुमति पत्र भी जारी करेगा जो देशभर में अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति करते हैं.

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) के दौरान ट्रक चालकों को पुलिस की तरफ से कोई परेशानी नहीं उठाना पड़े.

सचिव ने कहा, "एक ट्रक चालक और एक संचालक को उनके घर से ट्रक तक पहुंचाने की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय उठा सकते हैं." अग्रवाल ने कहा कि यदि कोई ट्रक खाली चल रहा है तो चालकों को सामान उठाने जाने, डिलिवरी देकर आने से संबंधित बिल अपने पास रखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कई कंपनियों ने उनके कर्मचारियों के कारखाने पहुंचने में आ रही दिक्कतों से भी अवगत कराया है. स्थानीय निकायों को परामर्श दिया जाता है कि वह श्रमिकों को कारखाने, गोदामों और परिवहन सेवाओं तक पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं और इसके लिए उनके मकान मालिकों, सोसायटी और गांव वालों से बात करें कि वह श्रमिकों को उनके कार्यक्षेत्र तक जाने की अनुमति दें.

उन्होंने यह भी कहा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ई-गव फाउंडेशन की मदद से ई-पास समाधान भी विकसित किया है. यह व्यवस्था अधिकृत कंपनियों द्वारा जारी पास की निगरानी करने में मदद करती है. राज्य सरकारें भी पास जारी करने के लिए ई-पास व्यवस्था का उपयोग कर सकती हैं

(पीटीआई-भाषा)

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