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कोरोना का असर: अप्रैल में केवल 1.33 लाख नए कर्मचारी ही ईपीएफओ से जुड़े - कोरोना का असर

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुसार अप्रैल महीने में ईपीएफओ में महज 1.33 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए. कोरोनावायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण यह आंकड़ा पिछले कुछ महीनों में काफी गिरा है.

कोरोना का असर: अप्रैल में केवल 1.33 लाख नए कर्मचारी ही इपीएफओ से जुड़े
कोरोना का असर: अप्रैल में केवल 1.33 लाख नए कर्मचारी ही इपीएफओ से जुड़े

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Published : Jun 21, 2020, 3:45 PM IST

Updated : Jun 21, 2020, 5:57 PM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ताजा आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायर महामारी और उसके कारण लागू पाबंदियों से प्रभावित अप्रैल माह में उसके यहां शुद्ध रूप से 1.33 लाख नए पंजीकरण हुए. यह आंकड़ा मासिक औसत से काफी कम है.

ईपीएफओ में पंजीकरण के आंकड़े संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति का संकेत होते हैं. सरकार ने कोविड-19 पर रोकथाम के लिए 25 मार्च से देश में लॉकडाउन लागू किया था.

ईपीएफओ द्वारा पिछले महीने जारी शुरुआती आंकड़ों के अनुसार इस साल मार्च में नए पंजीकरण घटकर 5.72 लाख रहे. फरवरी, 2020 में 10.21 लाख नए लोग ईपीएफ सदस्यों में जुड़े थे. ईपीएफओ में हर माह औसतन सात लाख नए सदस्य जुड़ते हैं.

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ईपीएफओ द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में ईपीएफओ के साथ 78.58 लाख नए सदस्य जुड़े. इससे पिछले वित्त 2018-19 के दौरान यह आंकड़ा 61.12 लाख का रहा था.

ईपीएफओ अप्रैल, 2018 से नए सदस्यों के पे-रोल आंकड़े जारी कर रहा है. इसके लिए सितंबर, 2017 से आंकड़ों को शामिल किया जा रहा है. आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2017 से अप्रैल, 2020 के दौरान शुद्ध रूप से नए सदस्यों या अंशधारकों की संख्या 1.56 करोड़ रही.

ईपीएफओ के साथ सितंबर, 2017 से मार्च, 2018 के दौरान शुद्ध रूप से 15.52 लाख नए नामांकन हुए.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 21, 2020, 5:57 PM IST

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