नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआईएल) की 39 कोयला खनन परियोजनाएं (coal mining projects) विलंब से चल रही हैं. हरित मंजूरियों में देरी, पुनर्वास और पुन:स्थापन के मुद्दों की वजह से इन परियोजनाओं में देरी हो रही है.
खनन परियोजनाओं में देरी का मुद्दा इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि देश के बिजली संयंत्र इस समय कोयले के भंडार में कमी की समस्या से जूझ रहे हैं. कोल इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, '83.64 करोड़ टन सालाना की 114 कोयला परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इन परियोजनाओं के लिए 1,19,580.62 करोड़ रुपये की पूंजी मंजूर की गई है. इन 114 परियोजनाओं में से 75 तो अपने निर्धारित समय के हिसाब से चल रही हैं, लेकिन 39 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य रूप से वन मंजूरी और जमीन पर कब्जे में देरी तथा पुनर्वास और पुन:स्थापन के मुद्दों की वजह से इन परियोजनाओं में विलंब हुआ है.