नई दिल्ली : दूसरी कोविड लहर के प्रभाव ने माइक्रोफाइनेंस (MFIs) और छोटे एनबीएफसी (NBFCs) क्षेत्र की रिकवरी की चिंता बढ़ा दी है, जो पहले से ही बढ़े हुए क्रेडिट संकट और वित्त वर्ष 2021 में एयूएम में गिरावट से जूझ रहा था. इसके अनुसार, वित्तीय क्षेत्र में वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के दौरान क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा 13 जारीकर्ता डाउनग्रेड में से, दस जारीकर्ता छोटे एमएफआई और एनबीएफसी हैं, जो असुरक्षित एमएसएमई ऋण, व्यक्तिगत और वाहन ऋण प्रदान करने में शामिल हैं.
एक्यूइट रेटिंग्स (Acuite Ratings) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च-2021 में संग्रह क्षमता में 90 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई थी, जो वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के दौरान घटकर 65-85 प्रतिशत के स्तर पर आ गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, कम संग्रह (lower collections) के अलावा, इन छोटे दिग्गजों की ऋण जुटाने की क्षमता का अनुमान 50 प्रतिशत दिग्गजों (500 करोड़ से अधिक के ऋण पोर्टफोलियो वाले) को पर्याप्त धन प्राप्त होने से प्रभावित हुआ है.
एक्यूइट रेटिंग्सकी रिपोर्ट में कहा गया है, सरकार और आरबीआई द्वारा हाल ही में प्रदान किए गए राहत उपायों से माइक्रोफाइनेंस और एमएसएमई उधारकतार्ओं को ऋण प्रवाह (credit flow) की निरंतरता का समर्थन करने की उम्मीद है, जबकि छोटे उधारदाताओं को नकदी राहत भी बढ़ेगी.