नई दिल्ली: देश में कोविड-19 की रोकथाम, उस पर अंकुश लगाने और उसके प्रबंधन की उच्चतम स्तर पर निगरानी की जा रही है और राज्यों के सहयोग से विभिन्न कार्य शुरू किए गए हैं.
पीपीई, मास्क और वेंटीलेटर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाले कारखाने चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और आयुध कारखाने चिकित्साकर्मियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
जबकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड वेंटीलेटर का निर्माण करने जा रहा है, सभी दवा कंपनियों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि इस संकट के दौरान दवाओं की कोई कमी नहीं होगी और यहां तक कि ऑटो निर्माता भी वेंटीलेटर विकसित करने और उनका उत्पादन करने के लिए काम कर रहे हैं.
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चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं.
पीपीई, एन 95 मास्क और वेंटिलेटर का विनिर्माण
- वस्त्र मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय इस प्रयास में मिलकर काम कर रहे हैं. घरेलू निर्माता इस अवसर पर तेजी से आगे आए हैं और अब तक 11 निर्माताओं ने गुणवत्ता परीक्षण की मंजूरी दे दी है. उन पर 21 लाख पीपीई कवरॉल (भारी श्रम कार्य के लिए ऊपर से नीचे तक पहने जाने वाला सुरक्षात्मक वस्त्र) के ऑर्डर दिए गए हैं.
- वर्तमान में वे प्रति दिन 6-7,000 कवरॉल की आपूर्ति कर रहे हैं और यह अगले सप्ताह के भीतर प्रतिदिन 15,000 तक पहुंचने की उम्मीद है. एक और निर्माता ने आज अर्हता प्राप्त की है और उसे 5 लाख कवरॉल का ऑर्डर दिया गया है.
- अब तक, देश भर के विभिन्न अस्पतालों में 3.34 लाख पीपीई उपलब्ध हैं. भारत सरकार द्वारा लगभग 60,000 पीपीई किट की खरीद और आपूर्ति की जा चुकी है. भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी ने चीन से 10,000 पीपीई की व्यवस्था की है जो प्राप्त हो चुके हैं और वितरित किए जा रहे हैं. 4 अप्रैल तक अन्य 3 लाख दान किए गए पीपीई कवरॉल आने वाले हैं. 3 लाख पीपीई का एक आर्डर आयुध कारखानों को दिया गया है.
- पीपीई किट के विदेशी स्रोतों को दुनिया भर की मांग में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है. विदेश मंत्रालय के माध्यम से उनसे संपर्क किया जा रहा है. सिंगापुर स्थित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पहचान की गई है जो 10 लाख पीपीई किट की आपूर्ति कर सकता है और उन्हें खरीदने के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से एक आदेश दिया गया है.
- कोरिया स्थित एक अन्य आपूर्तिकर्ता, जिसने वियतनाम और तुर्की की उत्पादन कंपनियों के साथ समझौता किया है, उसकी 1 लाख से अधिक पीपीई किट की दैनिक उत्पादन क्षमता के साथ पहचान की गई है.
- विदेश मंत्रालय के जरिये इस कंपनी को 20 लाख पीपीई किट की आपूर्ति का आदेश दिया गया है.
- एन95 मास्क का निर्माण दो घरेलू उत्पादकों द्वारा किया जा रहा है. वे इस समय प्रति दिन 50,000 मास्क की आपूर्ति करने में सक्षम हैं, लेकिन अगले सप्ताह वह अपनी क्षमता को बढ़ाकर प्रति दिन 1 लाख मास्क कर लेंगे.
- डीआरडीओ स्थानीय निर्माताओं के साथ मिलकर प्रति दिन लगभग 20,000 एन99 मास्क का उत्पादन कर रहा है. यह आपूर्ति एक सप्ताह के समय में उपलब्ध होने की उम्मीद है.
- देश के अस्पतालों में अब तक स्टॉक में 11.95 लाख एन95 मास्क हैं. पिछले दो दिनों में अतिरिक्त 5 लाख मास्क वितरित किए गए और 1.40 लाख मास्क आज वितरित किए जा रहे हैं. सिंगापुर से 10 लाख मास्क पीपीई किट का हिस्सा होंगे.
- कोविड-19 रोगियों के लिए वेंटीलेटरों की आवश्यकता होती है, क्योंकि उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत होती है और उनमें श्वास रोग सिंड्रोम (एआरडीएस) देखने को मिलता हैं. इस समय कोविड -19 के 20 से कम मरीज वेंटीलेटर सपोर्ट पर हैं.
- इसके विपरीत, कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए देश भर के विभिन्न अस्पतालों में 14,000 से अधिक वेंटीलेटर की पहचान की गई है.
- नोएडा में एक घरेलू निर्माता एगवा हेल्थकेयर उपयुक्त वेंटीलेटर विकसित करने में सक्षम है और उसे 10,000 वेंटीलेटर का ऑर्डर दे दिया गया है.. अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है.
- इसके अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 30,000 वेंटीलेटर का ऑर्डर दिया गया है, जो इस प्रयास में घरेलू निर्माताओं के साथ सहयोग करने जा रहा है. भारतीय ऑटो निर्माता भी वेंटीलेटर बनाने की तैयारी कर रहे हैं.
- इस बीच, हैमिल्टन, माइंड्रे और ड्रेगर जैसी कुछ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को वेंटीलेटर की आपूर्ति करने का आर्डर दिया गया है. विदेश मंत्रालय भी चीन के आपूर्तिकर्ताओं से बातचीत कर रहा है ताकि उनसे 10,000 वेंटीलेटर मंगाए जा सकें.
व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट क्या हैं?
व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट का उपयोग चिकित्साकर्मी एकांत वाले क्षेत्रों और गहन देखभाल इकाइयों (इंटेन्सिव केयर यूनिट) में काम करने के लिए कर रहे हैं ताकि वह संक्रमण से बच सकें. वे देश में निर्मित नहीं हो रहे थे.। निकट भविष्य में उत्पन्न होने वाले पीपीई की भारी आवश्यकता की संभावना के साथ, भारत सरकार ने देश में उनके निर्माण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं.