मुंबई: कोरोना वायरस किसी भी सतह पर घंटों जीवित रह सकता है. इस दौरान यदि कोई उस सतह को छूता है तो वह इसकी चपेट में आ सकता है. नोट और सिक्के ऐसी ही चीज है, जिसका इस्तेमाल होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाद रिजर्व बैंक ने भी नोटिफिकेशन जारी कर लोगों से अधिकाधिक ऑनलाइन या कैशलेस पेमेंट का सुझाव दिया है.
प्रधानमंत्री ने भी डिजिटल पेमेंट करने का आग्रह किया
वहीं, आज सुबह प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट करके डिजिटल पेमेंट करने का आग्रह किया है. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा,"यह सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने का समय है. डिजिटल भुगतान आपको ऐसा करने में मदद करता है. आइए इन विशेषज्ञ की बातों को सुनें और डिजिटल भुगतानों को अपनाएं."
नोटों पर तीन घंटे तक रह सकता है वायरस
डॉक्टरों का कहना है कि यह संक्रामक वायरस मुद्रा नोटों पर तीन घंटे तक रह सकता है. हाल ही में एसबीआई की एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि साक्ष्य बताते हैं कि मुद्रा नोट संक्रमण के स्रोत हैं और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं.
सिक्कों से भी फैल सकता है वायरस
एसबीआई की रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि लखनऊ में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा 48 सिक्कों की जांच से पता चला है कि लगभग सभी सिक्के बैक्टीरिया, फंगस और परजीवी से दूषित थे.
उपाय क्या है?
रिजर्व बैंक ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए सोशल कांटेक्ट कम करने के लिए लोगों को पेमेंट नोट की बजाय डिजिटली करने की सलाह दी है. आरबीआइ ने कहा कि पेमेंट के लिए लोग अपनी सहूलियत के अनुसार मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, कार्ड इत्यादि जैसे डिजिटल पेमेंट मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं और पैसे निकालने या बिल का पेमेंट करने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए.
भारत जैसे देश के लिए जो ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा है. जिससे ये वायरस नोटों के जरिए फैल सकता है. इसलिए आरबीआई कागज के नोटों से प्लास्टिक के नोटों पर स्विच करने का विचार कर रहा है.
यूके, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों ने मुद्रा के माध्यम से संक्रमण फैलाने के जोखिम को कम करने के लिए पॉलीमर नोटों का इस्तेमाल करना चालू कर दिया है. इसलिए भारत को भी पॉलीमर नोटों के उपयोग की संभावनाओं के बारे में सोचने की जरुरत है.
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