नई दिल्ली: चीन में फैले कोरोना वायरस की वजह से भारत के अंदर खिलौना बाजार को सबसे ज्यादा बुरे दौर से गुजरना पड़ रहा है. भारत में सालाना 16500 करोड़ रुपये का व्यापार खिलौनों का होता है. जिसमें चीन का हिस्सा 80% यानी कि 13500 करोड़ रुपये का है. वहीं भारत सिर्फ 20% खिलौने ही बना पाता है, जो कि लगभग 3000 करोड़ रुपये का है.
कोरोना वायरस का भारत के खिलौना बाजार पर बुरा असर पड़ा ऐसे में चीन में कोरोना वायरस फैलने की वजह से भारत चीन से खिलौनों का आयात नहीं कर पा रहा है और चीन में भी सभी खिलौने बनाने वाली फैक्ट्रियां फिलहाल बंद हो गई हैं. जिससे भारत के खिलौना व्यापारियों को बहुत बड़ा धक्का लगा है. एक तो माल ना आने की वजह से व्यापारियों की सेल में काफी कमी आई है, वहीं दूसरी तरफ चीनी खिलौने भी 20 से 25% तक महंगे हो गए हैं. जिसका सीधा असर न सिर्फ व्यापारियों पर पड़ रहा है, बल्कि आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है.
चीन से आने वाले खिलौनों के दाम बढ़े
चांदनी चौक में खिलौना मार्केट के अंदर खिलौने के होलसेल व्यापारी राजीव बत्रा और अनिल जैन ने ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान बताया कि दिसंबर से चीन से कोई भी खिलौना नहीं आ रहा है.
जिसकी वजह से सेल में काफी कमी आई है, लोग ज्यादातर चीनी खिलौने पसंद करते हैं. क्योंकि उनकी फिनिशिंग भारतीय खिलौनों के मुकाबले काफी ज्यादा अच्छी होती है और वह सस्ते भी होते हैं. लेकिन अब चीन से खिलौने नहीं आ रहे हैं, तो न सिर्फ हमारी सेल में कमी आई है. बल्कि चीन से आने वाले खिलौनों के दाम भी काफी ज्यादा बढ़ गए हैं.
कुल मिलाकर देखा जाए तो चीन में फैले कोरोना वायरस की वजह से इसका सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ा है, तो भारत में खिलौना बाजार पर पड़ा है. व्यापारियों का कहना है कि चीन से खिलौने ना आने की वजह से उनकी सेल में 50% से ज्यादा की गिरावट है. जिससे व्यापारियों के अंदर काफी निराशा है. व्यापारियों का कहना है कि मई तक खिलौना बाजार के अंदर कुछ इसी तरह के हालात बने रहेंगे.
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