पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में बरते जा रहे एहतियात की वजह से बिहार के पशुपालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण पशुचारा की कीमतें बढ़ गई हैं, वहीं उन्हें दूध की उचित कीमत नहीं मिल पा रही है.
इनमें सबसे अधिक परेशानी उन पशुपालकों को हो रही है, जो प्रतिदिन शहर जाकर हलवाई व मिष्ठान की दुकानों में दूध बेचते थे. दुकानें बंद रहने के कारण दूध की बिक्री काफी प्रभावित हुई है.
गया के कोरमा गांव के रहने वाले पशुपालक लखन यादव के पास 10 भैंस व 2 गाय हैं. उनके पास हर दिन करीब 60-70 लीटर दूध एकत्र होता है. बंदी से पहले बाजार में दूध 55 रुपये किलो तक बिक जाता था, लेकिन चाय और मिष्ठान की दुकान बंद रहने के कारण दूध नहीं बिक रहा है.
बुजुर्ग रामेश्वर प्रसाद ने कहा, "शहर में दूध नहीं बिक रहा, यही कारण है कि गांव के आसपास ही घूमकर दूध बेच रहे हैं. वैसे गांव में कौन दूध खरीदेगा, सभी तो पशुपालक ही हैं. पता नहीं कोरोना से बाजार कब तक प्रभावित रहेगा."
वहीं पटना के मनेर के पास स्थित एक गांव के पास दो महिलाएं सिर पर घास की गठरी ले जाते नजर आईं. उनसे जब गठरी के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने कहा, "कुट्टी दाना मिल नहीं रहा. सबकुछ बंद है. परेशानी है."
बिहार में कोरोना के कारण पशुपालक काफी परेशान हैं. चारे महंगे हो गए हैं. आर्थिक सर्वेक्षण में दिए गए आंकड़े के मुताबिक, राज्य में करीब 77 लाख भैंस और 153 लाख गाय और बैल हैं. पशुपालकों के मुताबिक एक गाय को प्रतिदिन 10 किलो सूखा और पांच किलो हरा चारा चाहिए.