नई दिल्ली: सरकार के आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण रखने के कदमों के बावजूद देश में पिछले एक हफ्ते में प्याज का खुदरा मूल्य 45 प्रतिशत बढ़कर 80 रुपये किलो पहुंच गया है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, एक अक्टूबर को प्याज का भाव 55 रुपये किलो था. महाराष्ट्र जैसे प्याज उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के बाद इस सब्जी की आपूर्ति पर असर पड़ा है.
इससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. आकंड़ों के मुताबिक, प्याज की कीमतों में पिछले साल की तुलना में करीब तीन गुना वृद्धि हुई है. नवंबर 2018 में खुदरा बाजार में प्याज का भाव 30-35 रुपये किलो था.
देश भर में रुला रहा है प्याज
दिल्ली ही नहीं बल्कि देशभर के अन्य क्षेत्रों में भी प्याज की कीमतें बहुत अधिक हैं. पटना, पुणे, भोपाल, देहरादून और कानपुर समते देश के सभी हिस्सों में आम आदमी प्याज की बढ़ती कीमतों का असर अपनी जेब पर महसूस कर रहे हैं.
उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकार भले ही प्याज की कीमतों को मंडियों में 70-80 रुपये किलो तक होने की बात करे लेकिन बाजारों में यह 100 रुपये किलो तक बिक रहा है.
कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के बाद आपूर्ति में व्यवधान के कारण देश के कई हिस्सों में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी पिछले एक महीने से अधिक समय तक जारी हैं.