नई दिल्ली: ई-सिगरेट पर रोक लगाने के फैसले को लेकर व्यापारिक निकायों, उपयोगकर्ताओं और अन्य पक्षों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा जल्दबाजी में उठाया गया कठोर कदम है. सरकार ने बुधवार को अध्यादेश के जरिए इस वैकल्पिक धूम्रपान उपकरण पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार लोगों को धूम्रपान के लिए एक सुरक्षित विकल्प से वंचित कर रही है. सरकार ने इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई-सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और आयात-निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है और इसके लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी गयी.
ई-सिगरेट का समर्थन करने वालों का तर्क है कि यह तंबाकू की तुलना में कम हानिकारक हैं, लेकिन सरकार का मानना है कि उनसे भी पारंपरिक सिगरेट की तरह ही स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा होता है. ई-सिगरेट उपयोगकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ वैपर्स इंडिया (एवीआई) ने कहा कि यह भारत में 11 करोड़ धूम्रपान करने वालों के लिए काला दिन है और उन्हें सुरक्षित विकल्पों से वंचित कर दिया गया है.