नई दिल्ली:उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वाणिज्य मंत्रालय को दीवाली से पहले स्वर्ण आभूषणों के लिए बीआईएस हॉलमार्किग अनिवार्य करने के प्रस्ताव को प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी देनी चाहिये.
वर्तमान में सोने की हॉलमार्किंग स्वैच्छिक है. इसे बहुमूल्य धातु की शुद्धता का प्रमाण माना जाता है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) हॉलमार्किंग की देखरेख करने वाला प्रशासनिक प्राधिकरण है. सोने के आभूषण के लिये उसे हॉलमार्किंग के तीन ग्रेड - 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट तय किए हैं.
ये भी पढ़ें-पीयूष गोयल ने कहा आइंस्टीन ने खोजा गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत, फिर दी सफाई
हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को सूचित करने के बाद किसी भी अनिवार्य विनियमन को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर सकता है.
पासवान ने संवाददाताओं से कहा, "हमने सोने के आभूषणों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग की अनुमति देने के लिए वाणिज्य मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है. उपभोक्ताओं के हित में इसे दिवाली से पहले प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी दी जानी चाहिए."
उन्होंने कहा कि नए बीआईएस अधिनियम, 2016 में हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने के प्रावधान किये गये हैं.
यह मुद्दा बीआईएस, नीति आयोग और वाणिज्य विभाग सहित 14 अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 'मानक निर्धारण और कार्यान्वयन' पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई बैठक में चर्चा के लिए आया था.
वर्तमान में, देश भर में लगभग 800 हॉलमार्किंग केंद्र हैं और केवल 40 प्रतिशत आभूषणों की 'हॉलमार्किग' की जाती है.
दिवाली त्योहार के समय सोने के आभूषणों की मांग अधिक होती है.
भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है, जो मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करता है. मात्रा के संदर्भ में, देश प्रतिवर्ष 700-800 टन सोने का आयात करता है.