नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 खरीफ फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया, जिसमें लागत मूल्य पर 50% से 83% वृद्धि का दावा किया गया है. कुल 14 फसलों के लिए एमएसपी घोषित करते हुए यह कहा गया कि लागत मूल्य का आकलन करते हुए मानव श्रम, बैल/मशीन श्रम, पट्टा भूमि के लिए दिया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिचाई जैसे सभी खर्चों का ध्यान रखा गया है. हालांकि, किसान संगठन सरकार के द्वारा की गई एमएसपी की घोषणा को एक और जुमला बता रहे हैं.
किसान नेताओं का आरोप है कि लागत मूल्य को कमतर आंक कर सरकार ए2+एफएल फॉर्मूले के तहत लागत मूल्य निकाल रही है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में ही यह वायदा किया था कि उनकी सरकार सी2+50% एमएसपी देगी. मोदी सरकार के कृषि मंत्री लगातार यह दावा करते रहे हैं कि वो स्वामीनाथन आयोग की शिफारिश के अनुसार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रहे हैं लेकिन किसान संगठनों ने इन बातों को वास्तविकता से परे बताया है.
क्या है ए2, ए2+एफएल और सी2 फॉर्मूला?
निर्धारित फसलों की लागत निकालने के लिए कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने तीन वर्ग बनाए हैं. ए2 में किसानों द्वारा किए सभी वास्तिक खर्च जैसे बीज, खाद, सिंचाई लागत आदि आते हैं, वहीं ए2+एल में वास्तिविक लागत के साथ पारिवारिक श्रम को भी जोड़ा जाता है और सी2 में वास्तविक लागत और पारिवारिक श्रम के साथ-साथ खेत की जमीन का किराया और दूसरे ब्याज को भी शामिल किया जाता है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिती के राष्ट्रीय संयोजक सरदार वीएम सिंह ने बताया कि साल 2019-20 के लागत मूल्य अनुमान को देख तो कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के अनुसार ज्वार का लागत मूल्य 2,324 रुपए प्रति क्विंटल था लेकिन सरकार ने इसका लागत मूल्य मात्र 1,746 रुपए प्रति क्विंटल माना है. सी2+50% के हिसाब से ज्वार का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,486 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए था लेकिन सरकार ने 2,620 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया है. यह एमएसपी स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% के फॉर्मूले से 886 रुपए प्रति क्विंटल कम है. इससे यह साफ होता है कि सरकार द्वारा लागत मूल्य से 50-83% ज्यादा देने का दावा महज जुमला है. इसी तरह से सभी 14 फसलों के लागत मूल्य को सीएसीपी द्वारा दिए गए सी2 लागत मूल्य और ए2+एफएल लागत मूल्य के बीच तुलना करें तो दोनों में बड़े अंतर सामने आते हैं.
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अरहर दाल का लागत मूल्य सीएसीपी के सी2 लागत मूल्य आंकलन के मुताबिक 5,417 रुपए प्रति क्विंटल आता है. वहीं ए2+एफएल के मुताबिक लागत 3,796 रुपए प्रति क्विंटल है. सरकार ने खरीफ वर्ष 2020-21 के लिए अरहर की एमएसपी 6,000 रुपए प्रति क्विंटल तय की है, लेकिन स्वामीनाथन आयोग की शिफारिश के मुताबिक अगर सरकार सी2+50% या लागत का डेढ़ गुना देने की बात करती है तो एमएसपी 8,125.5 रुपए प्रति क्विंटल होनी चाहिए थी.