नई दिल्ली: कारोबारियों के संगठन, कंफेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) को अनुमान है कि इस राखी सीजन में चीन को 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है, क्योंकि लोग आगामी तीन अगस्त के रक्षा बंधन के लिए स्थानीय राखी को पसंद कर रहे हैं.
कैट ने यह अनुमान भारत में चीनी उत्पादों के बहिष्कार के अभियान की वजह से लगाया है.
व्यापार निकाय ने कहा है कि रक्षाबंधन त्योहार के दौरान करीब 6,000 करोड़ रुपये के राखी उत्पाद बेचे जाते हैं, जिसमें से अकेले चीन का योगदान 4,000 करोड़ रुपये का होता था.
कैट ने एक बयान में कहा, "बीते कुछ वर्षो में, चीन में बनी राखी और राखियों में लगने वाले उत्पाद जैसे फोम, मोतियां, ड्राप्स, धागे और सजावट वाली थालियों ने भारतीय बाजार में अपनी गहरी पैठ बना ली है."
संस्था ने कहा, "गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच संघर्ष के कारण खरीदारों और विक्रेताओं के बीच चीन-विरोधी भावनाओं ने अब स्थानीय राखी उत्पादों की मांग को बढ़ा दिया है."