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सीमाशुल्क, उत्पाद शुल्क, सेवाकर से जुड़ी अपीलों की ऑनलाइन सुनवायी करें क्षेत्रीय कार्यालय: सीबीआईसी

सीबीआईसी ने सोमवार को निजी अपीलों की ऑनलाइन सुनवायी के दिशानिर्देश जारी किए. साथ ही कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम 1944 और वित्त अधिनियम 1994 के अध्याय पांच से जुड़े मामलों की सुनवायी भी इस माध्यम से की जा सकती है.

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Published : Apr 28, 2020, 3:50 PM IST

सीमाशुल्क, उत्पाद शुल्क, सेवाकर से जुड़ी अपीलों की ऑनलाइन सुनवायी करें क्षेत्रीय कार्यालय: सीबीआईसी
सीमाशुल्क, उत्पाद शुल्क, सेवाकर से जुड़ी अपीलों की ऑनलाइन सुनवायी करें क्षेत्रीय कार्यालय: सीबीआईसी

नई दिल्ली: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने क्षेत्रीय कार्यालयों को सीमाशुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवाकर इत्यादि से जुड़ी अपीलों की ऑनलाइन सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं. कोरोना वायरस संकट के बीच सामुदायिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

सीबीआईसी ने सोमवार को निजी अपीलों की ऑनलाइन सुनवायी के दिशानिर्देश जारी किए. साथ ही कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम 1944 और वित्त अधिनियम 1994 के अध्याय पांच से जुड़े मामलों की सुनवायी भी इस माध्यम से की जा सकती है.

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बोर्ड ने कहा कि सरकार और लोक स्वास्थ्य अधिकारियों के दिशानिर्देशों एवं परामर्श का पालन सुनश्चित करते हुए उसने मामलों की ऑनलाइन सुनवायी का निर्णय किया है. सीमाशुल्क अधिनियम 1962 के तहत किसी तरह की कार्रवाई के लिए निजी सुनवायी इस तरीके से की जा सकती है. अपील आयुक्त, निर्णय अधिकारी इत्यादि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस तरह सुनवायी कर सकते हैं.

क्षेत्रीय कार्यालयों को दिए गए दिशानिर्देशों में बोर्ड ने साफ किया कि अपील वादी या प्रतिवादी को अपनी याचिका दायर करते समय ही वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निजी सुनवायी के लिए सहमति देनी होगी. उन्हें यह मंजूरी अपील या निर्णय अधिकारी के समक्ष किसी भी तरह की सुनवायी प्रक्रिया के समक्ष पेश करने से पहले देनी होगी.

इस तरह सुनवायी का विकल्प अपनाने वाली इकाइयों या व्यक्तियों को भविष्य में किसी तरह के संपर्क के लिए अधिकारियों के पास अपनी ई-मेल आईडी जमा करानी होगी.

दिशानिर्देशों में अलग से स्पष्ट किया गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवायी करने वाले पक्षों को कैमरे के सामने उपयुक्त वस्त्रों में उपस्थित होना है और अनिवार्य अनुशासन का पालन करना है.

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ सहयोगी रजत मोहन ने कहा कि सीबीआईसी की इस पहल से करदाताओं को समय से न्याय मिल सकेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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