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भारत पेट्रोलियम की परिसंपत्ति के मूल्यांकन के लिए 50 दिन की समय सीमा

कंपनी की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन एक बाहरी 'परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता' द्वारा किया जाएगा. इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद सरकार कंपनी की हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोलियां आमंत्रित करेगी.

भारत पेट्रोलियम की परिसंपत्ति के मूल्यांकन के लिए 50 दिन की समय सीमा

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Published : Nov 24, 2019, 12:46 PM IST

नई दिल्ली: देश की दूसरी सबसे बड़ी ईंधन विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निजीकरण के लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए सरकार ने कंपनी की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन की रपट 50 दिन के भीतर देने को कहा है.

कंपनी की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन एक बाहरी 'परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता' द्वारा किया जाएगा. इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद सरकार कंपनी की हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोलियां आमंत्रित करेगी.

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने 20 नवंबर को भारत पेट्रोलियम, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एससीआई), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (नीपको) में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के फैसले को मंजूरी प्रदान कर दी थी.

इसके अलावा सरकार ने कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकोर) में अपनी 54.8 प्रतिशत में से 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को भी मंजूरी प्रदान की है.

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अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस विनिवेश प्रक्रिया को दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में संभावित खरीदारों से रुचि पत्र आमंत्रित किए जाएंगे और दूसरे चरण में उनसे उनकी बोलियां जमा करने के लिए कहा जाएगा. निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने 11 अक्टूबर को एक विज्ञापन जारी कर कंपनियों के मूल्यांकन के लिए बाहरी मूल्यांकनकर्ता, लेनदेन एवं कानूनी सलाहकार की जरूरत बतायी थी.

तब विभाग ने कंपनियों का नाम नहीं बताया था, बस इतना संकेत दिया था कि यह सरकारी कंपनियां बिजली मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, जहाजरानी मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं. भारत पेट्रोलियम के मामले में परिसंपत्ति के मूल्यांकनकर्ता को अपनी मूल्यांकन रपट उसकी नियुक्ति के 50 दिन के भीतर करनी है.

इस मामले में परिसंपत्ति के मूल्यांकनकर्ताओं की नियुक्ति के लिए आवेदन जमा कराने की अंतिम तारीख चार नवंबर थी. इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद दीपम संभावित खरीदारों से आशय पत्र मंगवा सकता है, लेकिन कीमतों की बोली केवल कंपनी के मूल्यांकन के बाद ही मंगायी जाएंगी.

अधिकारियों ने बताया कि ठीक इसी तरह की प्रक्रिया एससीआई और कॉनकोर की हिस्सेदारी बिक्री के लिए भी अपनायी जाएगी. टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और नीपको को सरकारी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड को बेचा जाएगा. दीपम वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाला एक विभाग है जो विनिवेश गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है.

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