नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक वस्तुओं अधिनियम, 1955 के तहत आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
राज्य के मुख्य सचिवों को जारी पत्र में गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा कि ईएसी अधिनियम के तहत कालाबाजारी करना या जमाखोरी करना अपराध हैं और इसके परिणामस्वरूप 7 साल की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
भल्ला ने अपने पत्र में कहा, "राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों में आवश्यक विपणन अधिनियम, 1980 की रोकथाम और कालाबाजारी की रोकथाम के तहत अपराधियों को हिरासत में रखने पर भी विचार कर सकती है."
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राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के प्रावधानों को लागू करके आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की सलाह दी जाती है.
पत्र में कहा गया है, "स्टॉक सीमा तय करना, कीमतों की कैपिंग, उत्पादन में वृद्धि, डीलरों के खातों का निरीक्षण और अन्य लेनदेन इस अधिनियम में शामिल हैं."
उपभोक्ता मामलों के खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी एक आदेश का हवाला देते हुए गृह सचिव भल्ला ने राज्य के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को व्यक्तिगत रूप से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक कीमतों पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाने को कहा है.
बता दें कि भारत में कई जगहों पर आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी की खबरों के आने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.