हैदराबाद: भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में 2.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पर है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 5 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट में निर्धारित नया लक्ष्य 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का रखा गया है. जिसे अगले 2025 तक तक हासिल करने की बात कही गई है.
पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है. इस प्रकार समान गति को बनाए रखते हुए केंद्रीय बजट 2019 में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र पर और जोर दिया गया था.
बजट भाषण में उल्लिखित इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के प्रावधान कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को अगले स्तर तक ले जाने के लिए हैं. बिजली क्षेत्र के लिए प्रस्तावित बड़े धमाकेदार सुधारों में सरकार ने पावर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बेहतर मॉडल पर निर्माण करने का वादा किया है.
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जिसमें वन नेशन, वन ग्रिड शामिल हैं जो सस्ती दरों पर राज्यों को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा. वन नेशन-वन ग्रिड जैसे उपाय और किफायती आवास के साथ-साथ हरित बुनियादी ढांचे का निर्माण भी लोगों के जीवन में नया बदलाव लाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि बिजली दरों में सुधार की बहुत जरूरत है जिसे जल्द से जल्द किया जाना चाहिए. 25 जुलाई 2018 को टिप्पणियों/सुझावों को आमंत्रित करते हुए सीईआरसी की वेबसाइट में 'री-डिजाइनिंग द रियल-टाइम इलेक्ट्रिसिटी मार्केट्स इन इंडिया' पर एक चर्चा पत्र प्रकाशित किया गया था. जिसके जवाब में पोस्को, पावर एक्सचेंज, ट्रेडिंग लाइसेंस, आईपीपी, स्टेट यूटिलिटीज, स्टेट एलडीसी, जेनरेटर और कंसल्टेंट सहित 21 हितधारकों ने अपनी बात प्रस्तुत की थी.
प्रस्तावित रियल टाइम मार्केट न केवल प्रतिस्पर्धी मूल्य पर बड़े बाजार तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक तंत्र प्रदान करेगा, बल्कि जनरेटर को अपनी गैर-अपेक्षित क्षमता के साथ आरटीएम में भाग लेने की अनुमति देगा. यह निश्चित रूप से जनता द्वारा एक सस्ती दर पर बिजली की खरीद सुनिश्चित करेगा.
उच्च स्तरीय उच्चाधिकार समिति (एचएलईसी) की सिफारिशों को भी अब लागू किया जाएगा. जिसमें पुराने और अक्षम प्लांट बंद करना और प्राकृतिक गैस की कमी के कारण गैस संयंत्र की क्षमता के कम उपयोग को संबोधित करना शामिल है.