नई दिल्ली : देश के जैविक उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देते हुए, 10.2 टन जैविक रूप से प्रमाणित और ग्लूटेन रहित कटहल का पाउडर और कटहल के टुकड़े भारत के बेंगलुरु से जर्मनी भेजे जाएंगे. इन कटहलों को एपीईडीए सहायता प्राप्त पैकहाउस में फलादा एग्रो रिसर्च फाउंडेशन (पीएआरएफ) में संशोधित कर समुद्री मार्ग से जर्मनी भेजा जा रहा है.
एपीईडीए पंजीकृत पीएआरएफ लगभग 12,000 एकड़ कृषि भूमि के व्यापक कवरेज वाले 1,500 किसानों के समूह का प्रतिनिधित्व करता है. ये किसान औषधीय और सुगंधित जड़ी-बूटियां, नारियल, कटहल, मैंगो प्यूरी उत्पाद, मसाले और कॉफी समेत अन्य चीजें उगाते हैं.
पीएआरएफ अपने छोटे किसान समूहों को राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी), यूरोपीय संघ, राष्ट्रीय जैविक कार्यक्रम (संयुक्त राज्य अमेरिका) मानकों के अनुसार प्रमाणन प्रक्रिया की सुविधा प्रदान करता है.
पीएआरएफ की प्रसंस्करण इकाई को एपीईडीए द्वारा इसके मान्यता प्राप्त जैविक प्रमाणन के तहत प्रमाणित किया गया है.
बेंगलुरु से पहले त्रिपुरा भी कर चुका है कटहल का निर्यात
हाल ही में त्रिपुरा से 1.2 टन ताजे कटहल की खेप लंदन निर्यात की गई थी. यह कटहल त्रिपुरा स्थित कृषि संयोग एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड से मंगवाए गए थे.
खेप को साल्ट रेंज सप्लाई चेन सॉल्यूशन लिमिटेड की एपीईडीए सहायता प्राप्त पैक-हाउस सुविधा में पैक किया गया था और कीगा एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्यात किया गया था.
यह यूरोपीय संघ को निर्यात के लिए पहला एपीईडीए सहायता प्राप्त पैकहाउस था, जिसे मई 2021 में मंजूरी दी गई थी.