नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूर्णकालिक निदेशकों का चयन करने के लिए बनाये गये शीर्ष निकाय बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) ने इन बैंकों को सांगठनिक ढांचा तय करने के लिए पूर्ण स्वायत्तता देने की वकालत की है, जिससे ये अधिक दक्षता से काम कर सकेंगे.
बी पी शर्मा की अगुवाई वाले बीबीबी ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के ऋण से संबंधित कामकाज के ढांचे के पुनर्गठन की भी वकालत की है. बीबीबी का कहना है कि इससे बैंक ऋण की लागत को कम कर सकेंगे और ऋण आवंटन में दक्षता बढ़ा सकेंगे. अक्टूबर, 2018 से मार्च, 2019 के लिए गतिविधि रिपोर्ट में बोर्ड ने प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की भी सिफारिश की है.
रिपोर्ट में इस अवधि में बोर्ड द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि पूर्णकालिक निदेशकों के लिये उनके चयन की सिफारिशों का काम समय पर किया गया. इस छह माह की अवधि के दौरान जो भी पद रिक्त हुए उन्हें तत्काल भरा गया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी की नियुक्ति के काम में हालांकि विलंब हुआ. इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के दायरे से बाहर के लोगों ने भी आवेदन किया था. इस पद के लिए दो बार विज्ञापन निकाला गया, लेकिन दोनों ही मौकों पर इसको लेकर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया नहीं मिली.
बोर्ड ने इस पद पर नियुक्ति के लिए 31 जनवरी, 2019 को सिफारिश की थी. ब्यूरो ने अलग से सरकार को उन उपायों के बारे में भी अपनी सिफारिशें भेजी हैं जिससे कि बैंकों में इस तरह की रिक्तियों को भरने के लिये प्रतिभाशाली लोगों के समूह में और सुधार लाया जा सकेगा.
ये भी पढ़ें : भारत में खाद्य, उर्वरक सब्सिडी कम करने की काफी गुंजाइश: आईएमएफ