लेह: कश्मीर घाटी में बैंकों को मुश्किल समय से जूझना पड़ रहा है. केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35ए को समाप्त करने से पहले बाहर के बैंक अधिकारियों को कश्मीर घाटी से वापस बुला लिया. इससे बैंकों को कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
एक बड़े बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने यहां कहा, "पांच अगस्त के बाद पहले तीन-चार दिन हमारा परिचालन पूरी तरह बंद रहा. पूरी घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया. पिछले महीने अधिकांश हिस्सों में मामूली परिचालन रहा जबकि संवेदनशील इलाकों में शाखाएं बंद रही."
कश्मीर में बैंकों को करना पड़ रहा है कर्मचारियों की कमी का सामना - Article 370 and Section 35A from Jammu Kashmir abolish
बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने यहां कहा, "पांच अगस्त के बाद पहले तीन-चार दिन हमारा परिचालन पूरी तरह बंद रहा. पूरी घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया. पिछले महीने अधिकांश हिस्सों में मामूली परिचालन रहा जबकि संवेदनशील इलाकों में शाखाएं बंद रही.
![कश्मीर में बैंकों को करना पड़ रहा है कर्मचारियों की कमी का सामना](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-4525664-thumbnail-3x2-pic.jpg)
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उन्होंने कहा कि आधुनिक बैंकिंग संवाद के साधनों पर काफी निर्भर है. घाटी में इंटरनेट और फोन सेवाएं बंद होने से बैंकों और बैंक कर्मियों को कई बार संवाद के लिये पारंपरिक तरीकों पर निर्भर होना पड़ा.
जब स्थिति सामान्य होने लगी, टीम सहकर्मियों के पते पर पहुंचने लगी. कुछ लोग तो मिल गये लेकिन कुछ लोगों से संपर्क नहीं हो सका क्योंकि उन्होंने जगह बदल ली.
दुकान व व्यावसायिक प्रतिष्ठान सुबह काफी पहले खुलने लगे इस कारण बैंकों को इस दौरान ही शाखाएं खोलनी पड़ी. इस दौरान बैंकों में मुख्यत: नकदी निकासी का ही काम हुआ.
वरिष्ठ बैंककर्मी के एक सहकर्मी ने बताया, "हम जो छिटपुट परिचालन कर सके, सिर्फ नकदी की निकासी हुई. नया कर्ज या नई जमा पूरी तरह से बंद रहा."