नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस महीने के अंत में भारत दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते (Trade Deal ) पर मुहर लगेगी या नहीं, यह मुद्दा एक विषय बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और अपने गृह राज्य गुजरात में अमेरिकी नेता की मेजबानी करेंगे. इस पर पूर्व वाणिज्य अजय दुआ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा को सफल दिखाने के लिए दबाव में आकर कोई भी समझौता करने की आवश्यकता नहीं है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत-अमेरिका के बीच सीमित व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं, जोकि 10 बिलियन डॉलर के माल और सेवाओं को कवर कर सकता है, जो कुल द्विपक्षीय व्यापार का लगभग 12% है. हालांकि इस समझौते का न सिर्फ किसानों ने विरोध किया है, बल्कि व्यापार विशेषज्ञों ने भी इसका विरोध किया है.
पूर्व वाणिज्य अजय दुआ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका के साथ कोई समझौता होता है तो कृषि, डेयरी के क्षेत्र में निराशा ही हाथ लगेगी, जिन्हें हम मेक इन इंडिया के माध्यम से बढ़ावा दे रहे थे.
अजय दुआ ने कहा कि भारत दौरे के वक्त भारतीय वर्ताकारों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ कोई भी समझौता करना आसान नहीं होगा क्योंकि अमेरिका ने इसी सप्ताह भारत समेत कई देशों को विकासशील देशों की लिस्ट से बाहर कर दिया है, जिससे विकासशील देशों से होने वाले आयात को बढ़ावा दिया जाता है. विकासशील देशों की लिस्ट से बाहर होने से भारत की जीएसपी यानी जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज की बहाली की भी उम्मीद भी टूट चुकी है.