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ट्रंप की यात्रा को सफल दिखाने के लिए किसी दबाव में समझौता नहीं करना चाहिए : पूर्व वाणिज्य - ट्रंप की भारत यात्रा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस महीने के अंत में भारत दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते (Trade Deal ) पर मुहर लगेगी या नहीं, यह मुद्दा एक विषय बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और अपने गृह राज्य गुजरात में अमेरिकी नेता की मेजबानी करेंगे. इस पर पूर्व वाणिज्य अजय दुआ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा को सफल दिखाने के लिए दबाव में आकर कोई भी समझौता करने की आवश्यकता नहीं है.

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Published : Feb 16, 2020, 7:58 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 1:28 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस महीने के अंत में भारत दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते (Trade Deal ) पर मुहर लगेगी या नहीं, यह मुद्दा एक विषय बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और अपने गृह राज्य गुजरात में अमेरिकी नेता की मेजबानी करेंगे. इस पर पूर्व वाणिज्य अजय दुआ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा को सफल दिखाने के लिए दबाव में आकर कोई भी समझौता करने की आवश्यकता नहीं है.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत-अमेरिका के बीच सीमित व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं, जोकि 10 बिलियन डॉलर के माल और सेवाओं को कवर कर सकता है, जो कुल द्विपक्षीय व्यापार का लगभग 12% है. हालांकि इस समझौते का न सिर्फ किसानों ने विरोध किया है, बल्कि व्यापार विशेषज्ञों ने भी इसका विरोध किया है.

पूर्व वाणिज्य अजय दुआ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका के साथ कोई समझौता होता है तो कृषि, डेयरी के क्षेत्र में निराशा ही हाथ लगेगी, जिन्हें हम मेक इन इंडिया के माध्यम से बढ़ावा दे रहे थे.

अजय दुआ ने कहा कि भारत दौरे के वक्त भारतीय वर्ताकारों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ कोई भी समझौता करना आसान नहीं होगा क्योंकि अमेरिका ने इसी सप्ताह भारत समेत कई देशों को विकासशील देशों की लिस्ट से बाहर कर दिया है, जिससे विकासशील देशों से होने वाले आयात को बढ़ावा दिया जाता है. विकासशील देशों की लिस्ट से बाहर होने से भारत की जीएसपी यानी जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज की बहाली की भी उम्मीद भी टूट चुकी है.

आपको बता दें, जीएसपी अमेरिका द्वारा अन्य देशों को व्यापार में दी जाने वाली तरजीह की सबसे पुरानी और बड़ी प्रणाली है. इसकी शुरुआत 1975 में विकासशील में आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए की थी. दर्जा प्राप्त देशों को हजारों सामान बिना किसी शुल्क के अमेरिका को निर्यात करने की छूट मिलती है, जो पिछले साल जून में ट्रंप प्रशासन ने समाप्त कर दिया.

दुआ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अकसर भारत और चीन को वैश्विक व्यापार प्रणाली में विकासशील देश के टैग का लाभ उठाने का दोषी ठहराया है.

अजय दुआ जैसे विदेशी व्यापार विशेषज्ञ, जो भारत के व्यापार वार्ताओं और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के साथ निकटता से जुड़े रहे हैं, अमेरिका के साथ किसी भी व्यापार में भाग लेने के प्रति सतर्कता बरतते हैं.

अजय दुआ ने कहा कि अमेरिका राष्ट्रपति की यात्रा को सफल दिखाने के लिए दबाव में कोई भी समझौता करने की आवश्यकता नहीं है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 1:28 PM IST

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