गुरुग्राम: साइबर सिटी के 9वीं कक्षा के छात्र अवि चोपड़ा ने एंबुलेंस सेवा की बढ़ती दिक्कतों के मद्देनजर 'क्विक मेडिक ऐप' बनाई है. इस ऐप की मदद से एम्बुलेंस सेवाओं की पहुंच को आसान बनाया जाएगा.
जानकारी देते छात्र अवि चोपड़ा इस ऐप से लोगों को एंबुलेंस की सही जानकारी भी मिलेगी. इससे ये भी पता चलता रहेगा कि एंबुलेंस चालक सही दिशा में आ रहा है या किसी और काम में तो व्यस्त नहीं हो गया. इस ऐप से मरीज के पास ड्राइवर और गाड़ी का नंबर भी पहुंच जाएगा.
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क्यों बनाई छात्र ने ऐप
दरअसल एक हादसे के दौरान एंबुलेंस 1 घंटे की देरी से पहुंचने पर 8वीं में पढ़ने वाले छात्र के मन पर गहरा असर डाला था. तब से उस बच्चे ने गूगल और अन्य तकनीक से एक ऐप बनाने का काम शुरू कर दिया और 9वीं में पहुंचने पर बच्चे ने ऐसा ऐप बना दिया.
अवि चोपड़ा ने भारत की पहली एंबुलेंस मोबाइल ऐप बनायी है. यह ऐप ओला-उबर की तर्ज पर बुक होती है. अवि ने एंबुलेंस मोबाइल एप दुबई मॉडल की तर्ज पर बनाई है.
जुलाई में लॉन्च करेगी उत्तर प्रदेश सरकार
अवि के पिता मन्नू चोपड़ा ने बताया कि इस एंबुलेंस मोबाइल ऐप के इस्तेमाल करने के लिए सभी राज्यों को मेल भी किया है. यूपी सरकार ने इसमें कुछ बदलाव के बाद जुलाई से इसे इमरजेंसी सेवाओं में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही गुजरात, नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों और महाराष्ट्र ने भी इस मोबाइल ऐप में रुचि दिखाई लेकिन फिलहाल यूपी सरकार ही इसे जुलाई में लॉन्च करने जा रही है.