नई दिल्ली:छह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा 2016-17 और 2017-18 के बीच प्राप्त 20,000 रुपये से ऊपर के कुल चंदे का लगभग 93 फीसदी कॉर्पोरेट और व्यापारिक घरानों से आया है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट से पता चला है कि इन छह पार्टियों को कुल 1,731 कॉर्पोरेट दाताओं से 1,059 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. इसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 915.59 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी रकम प्राप्त हुई.
इसके अलावा कांग्रेस को 151 कॉपोर्रेट दाताओं से 55.36 करोड़ रुपये मिले, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 23 दानदाताओं से 7.74 करोड़ रुपये मिले.
रिपोर्ट में कहा गया है, "वित्त वर्ष 2016-17 और वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान, कॉर्पोरेट और व्यापारिक घरानों से 20,000 रुपये से ऊपर भाजपा और कांग्रेस का स्वैच्छिक योगदान क्रमश: 94 प्रतिशत और 81 प्रतिशत है."
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को सबसे कम दो प्रतिशत कॉर्पोरेट चंदा मिला.
ये भी पढ़ें:चीन, मेक्सिको से इस्पात आयात पर अमेरिका ने लगाए नए शुल्क
एडीआर ने यह भी उजागर किया है कि 2012-13 और 2017-18 के बीच कारोबारी घरानों के विभिन्न क्षेत्रों ने कुल 1,941.95 करोड़ रुपये का चंदा दिया.
रिपोर्ट में कहा गया है, "राष्ट्रीय दलों को वित्त वर्ष 2014-15 (जब लोकसभा चुनाव हुए थे) में 573.18 करोड़ रुपये का अधिकतम कॉर्पोरेट चंदा प्राप्त हुआ था. इसके बाद वित्त वर्ष 2016-17 में 563.19 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2017-18 में 421.99 करोड़ रुपये मिले थे. 2016-17 और 2017-18 के चंदे में 25.07 प्रतिशत की कमी आई."