मुंबई: विभिन्न कंपनियों के ज्यादातर मानव संसाधन (एचआर) और वित्त पेशेवरों का मानना है कि नयी वैकल्पिक आयकर व्यवस्था उनके कर्मचारियों के लिए फायदे वाली नहीं है.
एचआर विशेषज्ञता क्षेत्र की कंपनी मर्सर के सर्वे में 81 प्रतिशत पेशेवरों ने नयी आयकर व्यवस्था को अपने कर्मचारियों के लिए अनुकूल नहीं माना. सरकार ने बजट 2020-21 में सभी मौजूदा कटौतियों और मुक्तताओं को छोड़ने के वाले करदाताओं के लिए नयी कर स्लैब की पेशकश की है.
मर्सर ने 119 कंपनियों में यह सर्वे किया. इनमें से 81 प्रतिशत ने कहा कि इस नयी कर व्यवस्था से उनके कर्मचारियों को फायदा नहीं होगा. करीब 60 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि 5-10 लाख ओर 10-25 लाख की वार्षिक आय वाले लोग इस नयी कर व्यवस्था से प्रभावित होंगे.