नई दिल्ली: एक सर्वे में पाया गया है कि लगभग 49 प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि चीनी कंपनियों को भारत में उत्पाद बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन उनके डेटा भारत में ही रहने चाहिए.
द लोकल सर्कल्स सर्वे के अनुसार, 35 प्रतिशत लोगों ने कहा कि चीनी प्रोडक्ट पर पूर्णत: बैन होना चाहिए, जबकि 14 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्हें केवल मेड इन इंडिया उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए.
लगभग 25 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि ऐसी कंपनियों को केवल मेड इन इंडिया उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, बशर्ते चीन के साथ कोई डेटा साझाकरण नहीं किया जाए और 20 प्रतिशत ने कहा कि यदि चीन के साथ कोई डेटा साझा नहीं हो रहा है तो, सभी उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए.
लगभग चार प्रतिशत ने कहा कि अगर चीन के साथ डेटा साझाकरण न हो तो सभी उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए, वहीं केवल दो प्रतिशत ने कहा कि बिक्री जैसे चल रही थी, वैसे ही चलने देना चाहिए.