वॉशिंगटन: अमेरिका के 25 प्रभावशाली सांसदों के एक समूह ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) से सामान्य तरजीही व्यवस्था (जीएसपी) के तहत भारत को मिल रहे लाभों को खत्म करने के फैसले को टालने का आग्रह किया है. इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए ट्रंप सरकार द्वारा भारत को दी गई नोटिस की अवधि शुक्रवार को समाप्त हो रही है. सांसदों ने कहा है कि इस फैसले से अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारत में अपने निर्यात को बढ़ाने की कोशिश नाकाम हो सकती है.
जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफरेंस (GSP) व्यापार में तरजीह देने वाली अमेरिका की सबसे व्यापक और पुरानी योजना है और इसका उद्देश्य मनोनित लाभार्थी देशों के हजारों उत्पादों को शुल्क मुक्त एंट्री प्रदान कर आर्थिक विकास को बड़ावा देना है. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने घोषणा में कहा था कि वह जीएसपी के तहत विकासशील राष्ट्र के रूप में भारत को मिल रहे लाभों को खत्म करना चाहते हैं.
अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप सरकार से भारत को जीएसपी का दर्जा खत्म न करने की अपील की - यूएसटीआर
जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफरेंस (GSP) व्यापार में तरजीह देने वाली अमेरिका की सबसे व्यापक और पुरानी योजना है और इसका उद्देश्य मनोनित लाभार्थी देशों के हजारों उत्पादों को शुल्क मुक्त एंट्री प्रदान कर आर्थिक विकास को बड़ावा देना है.
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60 दिनों की नोटिस की अवधि तीन मई को समाप्त हो रही है. नोटिस की अवधि खत्म होने की पूर्व संध्या पर 25 अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को उनका फैसला बदलने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. यूएस हाउस ऑफ रेप्रिजेंटटिव्स के 25 सदस्यों ने एक पत्र में यूएस ट्रेड रेप्रिजेंटटिव रॉबर्ट लिथिजर को उस डील के लिए बातचीत जारी रखने का आग्रह किया है, जो रोजगारों की सुरक्षा और उसे बढ़ावा देता हो तथा वह भारत के साथ व्यापार (आयात तथा निर्यात दोनों) पर आधारित हो.
सांसदों ने तर्क दिया है कि भारत के लिए जीएसपी का लाभ खत्म करने से भारत में निर्यात की संभावनाओं का विस्तार करने के अमेरिकी कंपनियों के प्रयास को धक्का पहुंचेगा. पिछले साल अप्रैल में यूएसटीआर ने घोषणा की थी कि उसकी भारत सहित कई देशों की जीएसपी पात्रता की समीक्षा करने की योजना है. उल्लेखनीय है कि चार मार्च, 2019 को यूएसटीआर ने कांग्रेस को बताया था कि नियमों का अनुपालन नहीं करने की वजह से वह भारत के जीएसपी दर्जे को खत्म करने का इरादा रखता है.