चेन्नई: ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाईज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण की 51वीं वर्षगांठ के जश्न के हिस्से के रूप में शनिवार को 2,426 लेनदारों की एक सूची जारी की, जिन्होंने जानबूझ कर अपने बैंक ऋण पर 1.47 लाख करोड़ रुपये से अधिक का डिफाल्ट किया है.
एआईबीईए के अनुसार, शीर्ष 10 डिफाल्टरों ने 32,737 करोड़ रुपये का डिफाल्ट किया है (बकाया और बट्टे खाते में). इस सूची को जारी करते हुए एआईबीईए के महासचिव सी.एच. वेंकटाचलम ने एक बयान में कहा कि हमारे बैंकों के सामने एक मात्र बड़ी समस्या निजी कंपनियों और कॉरपोरेट्स द्वारा लिए कए ऋण का भारी मात्रा में बुरा ऋण बनना है.
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वेंकटाचलम ने कहा, "यदि उनपर कड़ी कार्रवाई कर के पैसे को रिकवर किया जाए, तो हमारे बैंक राष्ट्रीय विकास में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. डिफाल्टरों को रियायत देने और जनता को उसकी जमा राशि पर ब्याज दर घटाने और सर्विस चार्ज बढ़ाने की परंपरा बंद होनी चाहिए."