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सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में 22 कर अधिकारियों को 'जबरन' सेवानिवृत्त किया

इससे पहले भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 27 उच्चस्तर के अधिकारियों को इसी नियम का इस्तेमाल करते हुए अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दी गई थी. इनमें से 12 अधिकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के थे.

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Published : Aug 26, 2019, 4:44 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 8:20 AM IST

सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में 22 कर अधिकारियों को 'जबरन' सेवानिवृत्त किया

नई दिल्ली: सरकार ने भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों में कर विभाग के और 22 अधिकारियों को 'जबरन' सेवानिवृत्त किया है. भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा और कसते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने भ्रष्टाचार पर मुख्य नियम 56 (जे) के तहत निरीक्षक स्तर के 22 अधिकारियों को भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों में अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है.

सीबीआईसी वैश्विक स्तर पर जीएसटी और आयात कर संग्रह की निगरानी करता है. इस साल जून से तीसरी बार भ्रष्ट कर अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. इससे पहले भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 27 उच्चस्तर के अधिकारियों को इसी नियम का इस्तेमाल करते हुए अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दी गई थी. इनमें से 12 अधिकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपना भाषण में कहा था कि कर प्रशासन में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए ईमानदार करदाताओं को परेशान किया है. एक सूत्र ने कहा कि हमने हाल में अनिवार्य रूप से उल्लेखनीय संख्या में कर अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त किया है. हम इस तरह का बर्ताव कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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जिन अधकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त किया गया है उनमें 11 नागपुर और भोपाल क्षेत्र के हैं. इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने इंदौर की एक कंपनी द्वारा गैरकानूनी तरीके से सिगरेट विनिर्माण को मंजूरी दी थी.

इनके अलावा चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, मेरठ और चंडीगढ़ क्षेत्र के एक-एक और मुंबई, जयपुर और बेंगलुरु के दो-दो अधिकारियों को सेवानिवृत्त किया गया है. जून में सरकार ने सीबीआईसी के 15 आयुक्त स्तर के अधिकारियों को भ्रष्टाचार, रिश्वत लेने और देने, तस्करी और आपराधिक साजिश के आरोपों में अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया था.

वहीं उससे पहले सरकार ने 12 वरिष्ठ आईआरएस अधिकारियों को भ्रष्टाचार, यौन उत्पीड़न, आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपों में अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया था.

Last Updated : Sep 28, 2019, 8:20 AM IST

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