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बीजद ने अस्का लोकसभा सीट के लिए स्वयं सहायता समूह की सदस्य प्रमिला को टिकट दिया

ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल ने ग्राम स्वयं सहायता समूह की 68 वर्षीय सदस्य को लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया है. बीजद ने यह टिकट प्रमिला बिसोई को दिया है. करीब 20 साल पहले अस्का सीट से ही बीजद अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.

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Published : Mar 20, 2019, 8:14 AM IST

बीजद ने स्वयं सहायता समूह की सदस्य को दिया टिकट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भुवनेश्वर:ओड़िशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) ने ग्राम स्वयं सहायता समूह की एक 68 वर्षीय सदस्य को अस्का लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया है.करीब 20 साल पहले अस्का सीट से ही बीजद अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.

कई उच्च-शिक्षित महिलाओं और पूर्व राज परिवार के दो सदस्यों को दरकिनार कर पटनायक ने महज तीसरी कक्षा तक औपचारिक शिक्षा प्राप्त कर सकी प्रमिला बिसोई को टिकट देने का फैसला किया.

लोकसभा चुनावों में इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या अधिक देखने को मिलेगी, क्योंकि पटनायक ने घोषणा की है कि लोकसभा चुनावों के लिए बीजद के उम्मीदवारों में 33 फीसदी महिलाएं होंगी.

पूर्व राज परिवार की सदस्य और कंधमाल से मौजूदा सांसद प्रत्यूषा राजेश्वरी सिंह और कालाहांडी से मौजूदा सांसद अर्का केशरी देव की पत्नी मालविका देवी को टिकट नहीं दिया गया.

पटनायक ने कहा, ‘‘हमारे मिशन शक्ति आंदोलन में लाखों महिलाओं के सम्मान में मैंने अस्का के नलबंता गांव में एसएचजी नेता प्रमिला बिसोई को अस्का लोकसभा क्षेत्र से बीजद की उम्मीदवार घोषित किया है.’’

मालविका देवी ने पटनायक से टिकट का अनुरोध किया था, क्योंकि 2019 के चुनावों के लिए उनके पति को फिर से टिकट नहीं दिया जा रहा है.

अस्का लोकसभा सीट काफी प्रतिष्ठित मानी जाती है, क्योंकि नवीन पटनायक और उनके पिता एवं दिग्गज ओड़िया नेता दिवंगत बीजू पटनायक इस सीट से सांसद रह चुके हैं.

नवीन पटनायक अस्का सीट से तीन बार सांसद रहे हैं.

बीजद सूत्रों ने बताया कि बिसोई गंजाम जिले में अपने इलाके और अपने पैतृक गांव चेरमरिया में महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण के लिए काम करती रही हैं.चेरमरिया को खुले में शौच मुक्त गांव घोषित किया जा चुका है.

वह स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, पाइप के जरिए जलापूर्ति, पौधारोपण और मोरों के संरक्षण की दिशा में जागरूकता अभियान चलाती रही हैं.

उन्होंने बच्चों को स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने के लिए प्रोत्साहित किया है.ओड़िशा सरकार उनके उत्कष्ट कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित भी कर चुकी है.

बिसोई के दो बेटे हैं, जिनमें एक अपने गांव में चाय की दुकान चलाता है जबकि दूसरा गैराज मैकेनिक है.उनकी दो बेटियों की शादी हो चुकी है.बिसोई के पति बंछानिधि बिसोई के पास एक एकड़ से भी कम कृषि भूमि है.

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