नई दिल्ली/वाशिंगटन: भारत में महिलाएं भले ही महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हों लेकिन संसद में उनका प्रतिनिधित्व हमेशा से कम बना हुआ है, जो चयनित उम्मीदवारों का महज 12 प्रतिशत है. संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत ने यह जानकारी दी और कहा कि देश में 90 करोड़ की संख्या वाला मजबूत मतदाता वर्ग आगामी आम चुनाव के लिये तैयार है.
संयुक्त राष्ट्र के लिये भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत नागराज नायडू ने कहा कि भारतीय संविधान में ऐतिहासिक 73वें संशोधन (1992) के बाद गांव, प्रखंड, जिला स्तरीय संस्थाओं सहित सभी जमीनी स्तर की संस्थाओं में महिलाओं के लिये 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया.